कोरोना से संक्रमित हो चुके लोगों को हृदय रोगों का खतरा

कोरोना की चपेट में आ चुके लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। एक नए अध्ययन में दावा किया है कि कोरोना से संक्रमित हो चुके लोगों में कई जानलेवा बीमारियों का खतरा तुलनात्मक रूप से अधिक है। इस अध्ययन के आधार पर करोड़ों लोग खतरे के दायरे में आते हैं। हालांकि ज्यादातर लोगों को वैक्सिनेशन के चलते सुरक्षा प्राप्त हो चुकी है।

शोधकर्ताओं ने अध्ययन में बताया कि जो लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं, भले ही उनमें हल्के लक्षण देखे गए हों, उनमें दिल की बीमारियों और मौत का खतरा ज्यादा है।

‘हर्ट’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना के चलते अस्पताल में भर्ती हुए लोगों में, अंसक्रमित लोगों की तुलना में, वीनस थ्रोम्बोम्बोलिज्म (वीटीई) विकसित होने की संभावना 27 गुना अधिक है।

जिन लोगों को इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाना पड़ा, उनमें वीईटी विकसित होने की संभावना अंसक्रमितों की तुलना में तीन गुना ज्यादा है। वीटीई एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें नसों में खून का थक्का बन जाता है।

दिल पर पड़ सकता है बुरा असर :
शोधकर्ताओं ने बताया कि अगर यह थक्का बड़ा हो जाए या इसका इलाज न किया जाए तो यह मौत का कारण भी बन सकता है। लंदन की ‘क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी’ के शोधकर्ताओं ने कहा कि जिन लोगों को कोविड संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, उनमें दिल की धड़कनें रुकने की संभावना 21 गुना और स्ट्रोक आने की संभावना 17 गुना ज्यादा होती है।

उनमें एट्रियल फाइब्रिलेशन (अनियमित हृदय) और पेरीकार्डिटिस (हृदय की सूजन) और हार्ट अटैक की भी संभावना अधिक होती है। निष्कर्ष बताते हैं कि हृदय रोग और मौत का सबसे बड़ा जोखिम संक्रमण के पहले 30 दिनों के भीतर होता है, लेकिन बाद में भी कुछ समय के लिए इसका खतरा रहता है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker