रोडवेज कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि, इतना मिलेगा बोनस

देहरादून : रोडवेज के नियमित कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) तीन फीसदी बढ़ा दिया गया है। संविदा और विशेष श्रेणी कर्मचारियों का वेतन भी डीए के अनुसार बढ़ाया जाएगा। यही नहीं, कर्मचारियों को दिवाली बोनस भी मिलेगा। इसके अलावा पर्वतीय रूटों पर बसों की कमी दूर करने के लिए 150 बसें अनुबंध पर ली जाएंगी।

शुक्रवार को रोडवेज मुख्यालय में हुई परिवहन निगम बोर्ड की 32वीं बैठक में यह फैसले हुए। बताया गया कि कर्मचारियों को सितंबर तक का वेतन मिल चुका है। अगस्त 2022 तक रिटायर कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और नकदीकरण का भुगतान किया गया है। इसके बाद भी रोडवेज को 16.90 लाख रुपये का फायदा हुआ। रामनगर, काठगोदाम और ऋषिकेश में आधुनिक बस स्टेशन का प्रस्तुतिकरण दिया गया। इनका निर्माण पीपीपी मोड पर किया जाएगा। इस बैठक में बोर्ड अध्यक्ष आनंदवर्धन, परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, अपर सचिव वित्त इकबाल अहमद और जीएम संचालन दीपक जैन मौजूद रहे।

रोडवेज के पंपों से डीजल ले सकेंगे निजी वाहन

रोडवेज की इनकम बढ़ सके, इसके लिए निजी वाहन भी रोडवेज के पेट्रोल पंप से डीजल भरवा सकेंगे। रोडवेज के 15 पंप हैं, जो रोडवेज वर्कशॉप और बस स्टेशनों पर स्थापित किए गए हैं।

2800 कर्मचारियों को डीए का लाभ

रोडवेज में डीए बढ़ाए जाने से 2800 नियमित कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इन कर्मचारियों का डीए 31 से बढ़कर 34 फीसदी कर दिया गया है। इससे वेतन में 600 से लेकर 3000 रुपये तक इजाफा होगा। संविदा और विशेष श्रेणी कर्मचारियों का वेतन भी नियमित कर्मचारियों के समानुपातिक तीन फीसदी तक बढ़ेगा।

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इनको दिवाली बोनस का मिलेगा फायदा

ऐसे नियमित कर्मचारी, जिनका ग्रेड-पे 4800 रुपये से कम है, उनको 6,908 बोनस मिलेगा। संविदा, विशेष श्रेणी कर्मचारियों को करीब 1,184 रुपये बोनस मिलेगा। रोडवेज प्रबंधन ने शुक्रवार देर शाम इसके आदेश भी कर दिए। हालांकि, संविदा एवं विशेष श्रेणी के ड्राइवर, कंडक्टरों को बोनस के लिए किमी की शर्त पूरी करनी होगी।

आश्रितों की नियुक्ति पर शासन को भेजी फाइल

रोडवेज में 2016 से मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर रोक है। मृतक आश्रित 12 दिनों से नियुक्ति को लेकर दून में धरना दे रहे हैं, उम्मीद थी कि बोर्ड बैठक में नियुक्ति की मंजूरी मिल जाएगी, लेकिन बोर्ड ने चर्चा के बाद इसका प्रस्ताव शासन को भेजने का फैसला लिया।

आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट के प्रस्ताव को मंजूरी

रोडवेज बस हादसे में मृतक के परिजनों को मुआवजे के लिए कोर्ट जाना पड़ता है। अभी विभिन्न कोर्ट में रोडवेज के 700 से ज्यादा वाद चल रहे हैं। ऐसे में यदि कोई निगम स्तर पर ही मुआवजे का मामला सुलझाना चाहता तो इसके लिए आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। एमवी ऐक्ट के मुताबिक ही परिजनों को मुआवजा मिलेगा।

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