Chhath Puja 2022: कौन सी देवी हैं छठ मैया और क्यों होती है सूर्य देव के साथ षष्ठी देवी की पूजा, पढ़ें यहां

Chhath Puja 2022: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का महापर्व मनाया जाता है. चार दिवसीय छठ पूजा का पर्व इस वर्ष 28 अक्टूबर 2022 से शुरू होगा, जो 31 अक्टूबर 2022 तक चलेगा. दिवाली के 6वें दिन मुख्य छठ मैया की पूजा होती है. छठ पूजा करने से सुख-समृद्धि, धन, वैभव, यश की प्राप्ति होती है. इस दिन छठ मैया और भगवान सूर्य देव की पूजा का विधान है. चलिए जानते हैं छठ मैया कौन-सी देवी हैं और क्यों सूर्यदेव के साथ पूजा की जाती है.

छठ पूजा का महत्व

छठ पूजा का पर्व मुख्य रूप से बिहार में मनाया जाता है. देश भर में भी इस पर्व का उल्लास देखने को मिलता है. छठ पूजा पर्व के पहले दिन नहाय खाय होता है. दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य को तो चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. छठ पूजा का व्रत रखने से परिवार की खुशहाली, संतान की दीर्धायु, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.

आज अहोई अष्टमी पर इतने बजे होंगे तारों के दर्शन

कौन हैं छठ मैया

पुराणों के अनुसार, सृष्‍ट‍ि की अधिष्‍ठात्री प्रकृति देवी के कई अंग हैं, जिसमें एक प्रमुख अंश का नाम देवसेना है. इन सभी देवियों को एक प्रचलित नाम षष्ठी से जाना जाता है. षष्ठी देवी सभी बालकों की रक्षा करती हैं. षष्‍ठी देवी को ब्रह्मा की मानसपुत्री भी कहते हैं. मान्यता है कि षष्ठी देवी के आशीर्वाद से सूनी गोद भर जाती है, इसलिए बच्चों के जन्म के छठे दिन षष्‍ठी देवी पूजन का महत्व है. स्थानीय भाषा में षष्ठी देवी को ही छठ मैया कहा जाता है.

सूर्य के साथ पूजा का महत्व

पुराणों के अनुसार, प्रत्येक विशेष तिथि को किसी ना किसी देवता की पूजा का विधान है. इसी तरह सप्तमी तिथि को सूर्य की पूजा का विधान है. मान्यता है कि छठ पूजा पर सूर्य के साथ षष्ठी देवी की पूजा करने से दोगुना फल मिलता है, इसलिए सूर्य के साथ षष्ठी देवी की पूजा की जाती है.

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker