फर्जी विंग कमांडर को कैसे मिला एयरपोर्ट एंट्री पास? सुरक्षा एजेंसियां कर रहीं पूछताछ
दिल्ली: फर्जी विंग कमांडर बनकर घूम रहे फिरोज गांधी से मिले संवेदनशील दस्तावेजों से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि आखिर फिरोज का किसके साथ संपर्क में रहा और दस्तावेजों को किसी के साथ साझा तो नहीं किया गया। सूत्रों ने बताया कि फिरोज गांधी को गुरुवार को अदालत के सामने पेश किया गया। पुलिस ने अदालत को बताया कि आरोपी पर बेहद गंभीर आरोप हैं। उसके पास से जो दस्तावेज मिले हैं, वे बेहद संवेदनशील हैं। इनका इस्तेमाल कर वह सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकता था। इसलिए अदालत ने उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
अफसरों के साथ खिंचवाता था तस्वीरें
पुलिस के अनुसार, एयरफोर्स अधिकारी बनकर फर्जीवाड़ा करने वाला फिरोज गांधी बेहद शातिर है। वह बीते एक दशक से एयरफोर्स अधिकारी बनकर घूम रहा था। उसने एयरफोर्स के कई अधिकारियों से दोस्ती कर रखी थी। वह उनके साथ तस्वीरें खिंचवाता और उनका इस्तेमाल कर लोगों को बरगलाता था। पुलिस को एयरफोर्स के कई अधिकारियों के साथ उसकी नजदीकियों का भी पता चला है जिसको लेकर जांच की जा रही है।
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पुलिस का मानना है कि वह अधिकारी बनकर लोगों से ठगी भी करता होगा, इसे लेकर पूछताछ चल रही है। उधर, नकली विंग कमांडर के मामले में तमाम सुरक्षा एजेंसियां सक्रीय हो गई हैं। वे पास बनने की प्रक्रिया जांच रही हैं। मिलिट्री इंटेलिजेंस, खुफिया विभाग, एयरफोर्स अधिकारी और दिल्ली पुलिस की टीम संयुक्त रूप से आरोपी फिरोज से पूछताछ कर रही है।
इन धाराओं में दर्ज किया मुकदमा
– 170- कोई भी व्यक्ति किसी भी सरकारी कर्मचारी का रूप धारण कर कोई गलत काम की कोशिश करना
– 171- अगर कोई भी व्यक्ति किसी सरकारी कर्मचारी की वर्दी धारण करता है
– 419- अपनी पहचान छिपाकर किसी दूसरे का रूप धारण करना
– 420- ठगी करना।
एंट्री पास सबसे बड़ी चिंता
सबसे बड़ी चिंता का कारण उसके पास मौजूद एयरपोर्ट एंट्री पास है जो उसने 2016 में बनवाया था। यह पास किस तरह से बना इसका रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। अगर इसमें किसी ने उसकी मदद की तो वह भी गिरफ्तार हो सकता है। यह पास केवल एयरपोर्ट से जुड़े अधिकारियों को ही पूरी तरह सत्यापन करने के बाद मिलता है।