स्मार्टफोन पर 5G सर्विस क्यों नहीं मिल रही, सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर क्या है कारण? जानिए

दिल्ली ; भले ही भारत में 5G नेटवर्क रोलआउट शुरू हो गया हो, लेकिन स्मार्टफोन यूजर्स अभी भी सोच रहे हैं कि उनके 5G एनेबल फोन नए नेटवर्क तक एक्सेस क्यों नहीं कर पा रहे हैं. फिलहाल मोबाइल निर्माता 5जी अपनाने में तेजी लाने के उपाय कर रहे हैं. भारत में 5जी सर्विस भले ही अब शुरू हो रही हो, लेकिन स्मार्टफोन कंपनियां एक साल से पहले से स्मार्टफोन पर 5G सपोर्ट दे रही हैं.

स्मार्टफोन निर्माता Xiaomi ने कहा है कि उसने मई 2020 और जून 2022 के बीच भारत में 7 मिलियन से अधिक 5G फोन शिप किए हैं. हालांकि, 5G के लिए तैयार फोन इस नेटवर्क तक पहुंचने के लिए आवश्यक रूप से तैयार नहीं हैं. इसका मतलब है कि फोन में 5G नेटवर्क से कनेक्ट होने के लिए आवश्यक हार्डवेयर है, लेकिन स्मार्टफोन निर्माता को अभी भी इन नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए कम्पैटिबल सॉफ्टवेयर देने की जरूरत पडे़गी.

5G अपनाने में सॉफ्टवेयर की बाधा
आपने देखा होगा कि खराब मोबाइल नेटवर्क वाले एरिया में स्मार्टफोन की बैटरी तेजी से खत्म होती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि डिवाइसों को नेटवर्क की तलाश में रहने और जब भी संभव हो कनेक्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसलिए, जब नेटवर्क उपलब्ध नहीं होता है, तो फोन पर 5G चालू करने से बैटरी खत्म हो सकती है, जो एक मुख्य कारण है कि फोन निर्माताओं ने इसे लॉन्च के समय डिसेबल कर दिया.

इसे आमतौर पर ‘सॉफ़्टवेयर लॉक’ कहा जाता है, जो मूल रूप से फोन को 5G नेटवर्क की तलाश न करने और केवल 4G नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए कहता है. यही कारण है कि एक iPhone की कनेक्टिविटी सेटिंग्स अभी केवल 3G और LTE दिखाती हैं.

कनेक्टिविटी सेटिंग्स पर दिखेगा 5जी
फिलहाल आपके मोबाइल पर केवल 5 जी नेटवर्क दिखाई देगा. आपके अपने स्मार्टफोन की कनेक्टिविटी सेटिंग्स पर बस एक 5G विकल्प दिखाई देगा. 5G के महत्वपूर्ण लाभ फिलहाल उद्यमों और बिजनिज के लिए उपलब्ध हैं. हालांकि, 5जी की बैंडविड्थ और स्पीड में वृद्धि होगी.

क्या 4जी के की लॉन्चिंग के वक्त हुआ था ऐसा?
नहीं, उस दौरान टोलीकॉम के पूरे नेटवर्क आर्किटेक्चर में बदलाव आया था, जिसका मतलब था कि फोन को नए हार्डवेयर की भी जरूरत थी. हालांकि, 5G, LTE जैसी ही प्रणाली का उपयोग करता है. गौरतलब है कि 5G नेटवर्क बैकवर्ड कम्पैटिबल भी है, जिसका मतलब है कि यह फोन को 4G नेटवर्क से भी जोड़ सकता है.

क्या Jio और Airtel के लिए एक जैसा होगा अपडेट?
बिल्कुल नहीं. Jio एक स्टैंडअलोन 5G नेटवर्क प्रदान करता है, जबकि Airtel एक नॉन-स्टैंडअलोन (NSA) नेटवर्क है. NSA नेटवर्क वो होता है, जहां केवल वह हिस्सा जो कोर नेटवर्क इंफ्रा को एंड पॉइंट से जोड़ता है, उसे 5जी में अपडेट किया जाता है. वहीं स्टैंडअलोन में कोर को भी अपडेट किया जाता है, जिससे अधिक 5G एप्लिकेशन चल सकते हैं. मिंट ने की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ज्यादातर 5G फोन पहले से ही NSA नेटवर्क को सपोर्ट करते हैं. एयरटेल के भी लंबे समय में स्टैंडअलौन नेटवर्क पर स्विच करने की उम्मीद है.

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