रतलाम जेल में बंद 300 से अधिक कैदियों ने श्राद्ध कर्म कर अपने पितरों का किया तर्पण
रतलाम : सनातन संस्कृति में श्राद्ध और तर्पण का बड़ा महत्व है. अपने पितरों को तृप्त करने के लिए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए वैदिक काल के धर्मशास्त्रों में पितृकर्म का वर्णन किया गया है. इसलिए हर वर्ष श्रद्धालु अपने पितरों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए श्राद्ध कर्म और पिण्डदान का आयोजन करते हैं. इन दिनों सोलह दिन का श्राद्ध पक्ष (पितृ पक्ष) चल रहा है. इसके तहत रतलाम की जिला जेल में कैदियों ने अपने पितरों के निमित्त श्राद्धकर्म का आयोजन कर उनको तृप्त किया.
3 दिन तक चला श्राद्ध कर्म का आयोजन
मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान हमारे पितर पृथ्वीलोक पर आते हैं और अपने वंशजों से तृप्त होने की उम्मीद करते हैं. इसलिए इन सोलह दिनों में सनातन संस्कृति के सभी घरों में श्राद्ध का आयोजन किया जाता है. इसके तहत मध्य प्रदेश के रतलाम जेल में तीन दिवसीय सामूहिक श्राद्ध कर्म का आयोजन किया गया. जेल में पहली बार इस तरह का आयोजन किया गया है.
आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलने की है मान्यता
इस अनूठे कार्यक्रम का आयोजन जेल आधिकारियों ने कैदियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए और उनकी अपील पर किया. इस कार्य में जेल प्रशासन ने विभिन्न संस्थाओं का सहयोग लिया. पंडितों की उपस्थिति में शास्त्रोक्त मंत्रों के उच्चारण के बीच कैदियों ने अपने पूर्वजों को तृप्त कर उनको श्रद्धासुमन अर्पित किये. इस आयोजन को लेकर कैदियों में खासा उत्साह देखा गया.
विभिन्न संस्थाओं ने किया सहयोग
यह आयोजन श्री योग वेदांत सेवा समिति, श्री युवा सेवा संघ और मांगल्य मंदिर रतलाम के संयुक्त तत्वावधान में किया गया. आयोजन में श्राद्ध तर्पण की धार्मिक क्रिया सुदामा मिश्रा और सच्चिदानंद द्वारा संपन्न करवाई गई. साथ ही तर्पण के लिए युवा संघ के द्वारा सामग्री भी निःशुल्क उपलब्ध करवाई गई. इस अवसर पर जेल अधीक्षक लक्ष्मणसिंह भदौरिया ने बताया कि जेल में फिलहाल 650 कैदी हैं, जो अपने परिवार और परंपराओं से दूर हैं. जेल में बंद कई कैदी अन्य प्रदेशों से भी हैं, उन्हें अपने पूर्वजों की आत्मशांति हेतु श्राद्ध का अवसर मिले, इसलिए यहां इस प्रकार का आयोजन किया गया. तीन दिन में 300 से अधिक कैदी श्राद्ध कर्म में शामिल हुए. इस दौरान जेल स्टाफ भी वहां मौजूद रहा.
सर्वपितृ अमावस्या पर होगा निःशुल्क आयोजन
इस कड़ी में संस्था द्वारा सर्वपितृ अमावस्या पर 25 सितंबर को पटरी पार क्षेत्र में निःशुल्क सामूहिक श्राद्ध कर्म का आयोजन किया जाएगा. श्री युवा संघ के राजू साल्वी ने बताया कि इसमें कोई भी व्यक्ति शामिल होकर निःशुल्क रूप से अपने दिवंगत का श्राद्ध कर सकता है.