वैक्सीन लगने के बावजूद शख्स को हुआ मंकीपॉक्स, जबकि पहले रिसर्च ने पाया था असरदार

वाशिंगटन : अमेरिका में एक मरीज में मंकीपॉक्स का ऐसा मामला सामने आया है, जिसे 8 साल पहले ACAM2000 चेचक का टीका लगाया गया था. इस टीकाकरण के होने के बावजूद उस शख्स को मंकीपॉक्स की बीमारी हो गई. अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention- CDC ) ने इसकी जानकारी दी है. CDC ने कहा कि वाशिंगटन में एक ऐसा मरीज पाया गया है, जिसे 8 साल पहले चेचक का टीका लगाया गया था. इससे चेचक के खिलाफ सफलतापूर्वक प्रतिरक्षा होने के बावजूद मंकीपॉक्स हो गया. इससे मंकीपॉक्स वैक्सीन की चल रही कमी के बीच ACAM2000 वैक्सीन की प्रभावशीलता के बारे में एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है.

इनसाइडर पेपर की एक खबर के मुताबिक ये रोगी पहले एक स्वस्थ 34 वर्षीय व्यक्ति था, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखता था. जब इस शख्स को लगातार थकान और सिरदर्द रहने के साथ त्वचा पर घाव बनने लगे तो ये एक यौन संचारित संक्रमण क्लिनिक (sexually transmitted infections clinic) में आया था. इस शख्स को 2017 में गोनोरिया संक्रमण और सिफलिस हुआ था जो इलाज के बाद ठीक हो गया था. उसके मिलिट्री हेल्थ रिकॉर्ड में एचआईवी संक्रमण या अन्य किसी रोग का की जानकारी नहीं थी.

1980 में चेचक की बीमारी के उन्मूलन के बाद से मंकीपॉक्स सार्वजनिक स्वास्थ्य में चिंता का एक बड़ा कारण है. पहले पाया गया था कि चेचक की वैक्सीन से मंकीपॉक्स से सुरक्षा हासिल हो सकती है. जिन लोगों को चेचक का टीका लगाया गया था, उन व्यक्तियों में मंकीपॉक्स के मामले में संक्रमण बहुत हल्का होता है. 1988 में एक अध्ययन ने बताया कि चेचक के टीकाकरण ने मंकीपॉक्स के खिलाफ 85% तक सुरक्षा प्रदान की है. 2008 में एक अध्ययन में बताया गया कि ACAM2000 चेचक वैक्सीन ने मंकीपॉक्स वायरस की घातक खुराक के बावजूद बंदरों की पूरी तरह से सुरक्षा की.

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