24 और 25 अक्टूबर दोनों दिन अमावस्या

दिवाली या दीपावली हिंदू धर्म में सबसे बड़ा और विशेष पर्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीगणेश व माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है।

दिवाली 2022 कब है?

इस साल अमावस्या तिथि 24 और 25 अक्टूबर दोनों दिन है। लेकिन 25 अक्टूबर को अमावस्या तिथि पर प्रदोष काल पहले ही समाप्त हो जा रहा है। 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि मौजूद रहेगी। इसी दिन निशित काल में भी अमावस्या रहेगी। इसलिए 24 अक्टूबर के दिन ही दिवाली का त्योहार सर्वमान्य है।

छोटी दिवाली भी इसी दिन-

ज्योतिष गणना में कुछ ऐसा विधान बन रहा है कि नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली भी इसी दिन है। इस दिन को नरक चौदस के नाम से भी जानते हैं।

दिवाली पर तिथि का संयोग-

23 अक्टूबर, रविवार के दिन त्रयोदशी तिथि शाम 06 बजकर 04 मिनट तक रहेगी। उसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू होगी। 24 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 28 मिनट पर चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी और अमावस्या तिथि आरंभ होगी। अमावस्या तिथि 25 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 19 मिनट तक रहेगी।

दिवाली पूजन का महत्व-

दिवाली के त्योहार में लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि दिवाली की रात को माता लक्ष्मी सभी पर कृपा बरसाती हैं। शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की रात देवी लक्ष्मी स्वर्ग से सीधे पृथ्वी पर आती हैं और सभी के घरों में जाती हैं। जिन घरों में साफ-सफाई, रोशनी और विधि-विधान से देवी-देवताओं का पूजन होता है, वहां वास करने लगती हैं। मान्यता है ऐसे घरों में धन का अभाव नहीं होता है।

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