जेल से कैसे ऑपरेट होते हैं गैग? पढ़ें गैंगस्टर की जुबानी

दिल्ली : पुलिस दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में आपराधिक गिरोहों पर नकेल कसने की कोशिश कर रही है. अब इन क्रिमिनल्स के सीमा पार आतंकवादी संगठनों से भी संबंध सामने आए हैं. मीडिया ने ऐसे ही एक संगठन के एक सदस्य से पूरे खेल के बारे में बात की. नाम न बताने की शर्त पर गैंगस्टर ने कहा कि वह एनसीआर और आसपास के इलाकों में सक्रिय एक रिंग का हिस्सा है. उसने कहा कि कुछ लोग फेमस होने के लिए आपराधिक गिरोह में शामिल होते हैं तो कुछ ड्रग्स के आदी होते हैं. ऐसे लोगों को अपनी जरूरत के लिए आसान पैसा चाहिए. इस वजह से उन्हें जुर्म का रास्ता सही लगता है. इसके अलावा, हर कोई बड़े नामों से भी जुड़ना चाहता है.

दिल्ली में गिरोह कैसे काम करते हैं, इस बारे में बात करते हुए उसने कहा,’ये लोग प्रॉपर्टी डीलरों के साथ निवेश से संबंधित मुद्दों और अन्य चीजों के लिए काम करते हैं. वे अवैध शराब की दुकानों और ड्रग्स की बिक्री से भी पैसा कमाते हैं, जिसके साथ गिरोह चलाए जाते हैं.’उसने कहा, ‘दिल्ली और हरियाणा के टॉप गैंग में कई सदस्य हैं जिन्हें अलग-अलग काम सौंपा गया है. ये लोग सट्टा रैकेट चलाना, अवैध शराब और नशीली दवाओं से पैसे जुटाते है’.

देशी हथियारों का इस्तेमाल नहीं करते गैंगस्टर

उसने कहा, ‘ज्यादातर गैंगस्टर अब देशी हथियारों का उपयोग नहीं करते हैं. .32-बोर पिस्तौल और ऑटोमेटिक हथियारों को पसंद करते हैं जिनकी कीमत 25,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक होती है. आपूर्ति आमतौर पर उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश से होती है. 0.32 बोर की पिस्तौल में ब्लैक मार्केट में एक राउंड की कीमत 250 से 300 रुपये और 20 राउंड की पूरी टोकरा 5000-6,000 रुपये में आती है. दिल्ली में अवैध हथियार की खरीद बहुत आसान है. इन गैंगस्टर्स के अच्छे कॉन्टैक्ट भी होते है जो उनके लिए एमपी, बिहार से हथियार लाते हैं और दिल्ली में ही उन्हें सौंप दिए जाते हैं.’

जेल से कैसे ऑपरेट हो रहा गैंग?

गैंगस्टर के मुताबिक इन अपराधियों के लिए जेल “व्यापार का केंद्र” बन गई हैं. बाकि चीजों के साथ जेल में एक फोन भी 50,000 से 60,000 रुपये में खरीदा जा सकता है. गैंग लीडर ने उनके गुर्गे बाहर रखे हैं और वे संपर्क में रहते हैं. फोन का इस्तेमाल पैसे वसूलने, प्रोटेक्शन मनी की मांग करने और व्यवसायियों या प्रॉपर्टी डीलरों को धमकाने के लिए किया जाता है. उसने खुलासा किया कि जेल एक ऐसी जगह है जहां कई गैंगस्टर सुरक्षित महसूस करते हैं क्योंकि यहां वे अपने प्रतिद्वंद्वियों या पुलिस के रडार प

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker