सकारात्मक उपदेशों संग,सप्तदिवसीय श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ का हुआ समापन

  • सत्याग्रही सनातन धर्म की अटूट आस्था हैं प्रभु श्रीराम : सीएम योगी
  • सकारात्मकता के साथ सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा देती है श्रीराम कथा
  • युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज व राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की पुण्य स्मृति में संगीतमय श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ का विश्राम

गोरखपुर। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम हर परिस्थिति में सत्य के प्रति आग्रह रखने वाले सनातन धर्म की अटूट आस्था हैं। उनका जीवन हम सबको नकारात्मकता से दूर रहकर सत्य की राह पर चलते हुए विषम से विषम परिस्थितियों में संघर्ष करने की प्रेरणा देता है। उनके जीवन दर्शन के माध्यम से समूचे समाज का मार्गदर्शन करने वाली श्रीराम कथा का श्रवण बहुत ही सौभाग्य की बात है।

सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 53वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 8वीं पुण्यतिथि समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित सप्तदिवसीय श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ में अंतिम दिन मंगलवार शाम विश्राम सत्र को संबोधित कर रहे थे। मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सनातन धर्म परंपरा में श्रीराम के बगैर आस्थावान जनता का काम हो ही नहीं सकता। आस्था सामूहिक हो तो उसका विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है। भगवान श्रीराम की कथा का हर एक प्रसंग सभी आस्थावानों को याद है। फिर भी हम सभी इस कथा के साथ अत्यंत सहृदयता से जुड़कर उसमे वर्णित हर घटना अपने इर्द गिर्द महसूस करते हैं और अंततः सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।

गोरक्षपीठाधीश्वर ने श्रीराम कथा से सकारात्मकता की सीख लेने का आह्वान करते हुए कहा कि नकारात्मक सोच का परिणाम कभी सकारात्मक नहीं हो सकता। हम सभी को अपने व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन में सदैव आस्था के साथ सकारात्मक भाव रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश आस्था एवं सकारात्मक भावना के साथ प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण से जुड़ा हुआ है यह पूरी दुनिया के लिए कौतूहल का विषय है। श्रीराम का जन्म कब हुआ, इतिहासकार इसकी गणना करने में सफल ही नहीं हो पा रहे थे। यही नहीं इसमें मिथक भी जोड़ने का प्रयास किया गया। पर, अंततः सत्य की जीत हुई। सत्य का आग्रह और सत्य के मार्ग पर चलना ही भारत की आस्था है और सनातन धर्म की परंपरा एवं विशेषता भी। इसी परंपरा के अनुरूप राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वाधीनता आंदोलन में पहली शर्त रखी थी, सत्याग्रह। सीएम योगी ने सभी लोगों के लिए श्रीराम कथा के फलदायी एवं मंगलमयदायी होने की कामना की।

यूपी में रामराज्य को साकार कर रहे सीएम योगी : स्वामी श्रीधराचार्य
सात दिन तक श्रीराम कथा का रसपान व्यासपीठ पर विराजमान जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य जी महाराज (पीठाधीश्वर, अशर्फी भवन अयोध्या) ने कराया। कथा के आखिरी दिन उन्होंने रामराज्य के स्वरूप का वर्णन करते हुए कहा कि रामायण काल के रामराज्य को वर्तमान समय मे उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साकार कर रहे हैं। उनके राज में आमजन प्रसन्न हैं तो दुष्ट व अपराधी दुखी और भयभीत। इस अवसर पर अलवर के सांसद महंत बालकनाथ, दिगम्बर अखाड़ा (अयोध्या) के महंत सुरेश दास, कालिका मंदिर (नई दिल्ली) के महंत सुरेंद्रनाथ, नैमिषारण्य से आए स्वामी विद्या चैतन्य, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास समेत बड़ी संख्या में संतजन, यजमान व श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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