NCR में प्रदूषण रोकने के लिए एक्‍शन प्‍लान तैयार, 1 अक्टूबर से प्रारंभ होगी प्रक्रिया

दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर में एक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू होने जा रहा है. इस प्लान के तहत उन सभी कार्यों पर रोक लगा दी जाती है जो प्रदूषण बढ़ाने में सहायक है. जनवरी तक इस प्लान को लागू करने पर विचार किया जा रहा है. जैसे-जैसे प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा इसकी पाबंदी बढ़ेगी.

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू होने के बाद एक अक्टूबर से ट्विन टावर के मलबे को ढंककर रखना होगा. साथ ही पानी का नियमित छिड़काव करना होगा. इस बारे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने संबंधित एजेंसी को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

GRAP पर जारी किया गया एक्शन प्लान, एयर क्वालिटी इंडेक्स 201 से 300 के बीच होने पर

धूल और सीएंडडी वेस्ट के लिए गाइड लाइन
500 वर्गमीटर के प्लॉट या इससे प्लॉट पर कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी पर रोक
नियमों के मुताबिक कचरे को उठाना और निस्तारण
बाहर या खुले में कचरा न फैले, खुले में कचरे न जलाए जाएं
सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग और पानी का छिड़काव
जहां भी सीएंडडी वेस्ट पड़ा हो वह प्रापर तरीके से ढका हो
कंस्ट्रक्शन साइटों पर एंटी स्मॉग गन आवश्यक
ट्रैफिक को चलाने के लिए प्रत्येक चौराहे पर यातायात कर्मी की तैनाती
प्रदूषण फलाने वाले वाहनों पर हैवी पैनल्टी लगाई जाए
पटाखों के जलाने पर रोक

स्टेज 2 एयर क्वालिटी इंडेक्स 301 से 400 होने पर

मैनेनिकल और वैक्यूम बेस्ड स्वीपिंग
शहर की सड़कों पर वाटर स्प्रीपिंकल से छिड़काव
होटल व रेस्टोरेंट में तंदूर, कोल पर प्रतिबंध
इसेंसिएल सर्विस को छोड़कर जनसेट पर रोक
पार्किंग फीस को बढ़ाकर ताकि लोग घरों से अपने वाहनो से नहीं निकले
मेट्रो , सीएनजी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ाया जाए

UP-बिहार जाने वाली ट्रेनों में कन्फर्म टिकट नहीं, हवाई किराया भी हुआ 3 गुना महंगा

एक्यूआई 401 से 450 तक होने पर

एनसीआर में कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी जाएगी
पीएनजी पर इंडस्ट्री आपरेट कराई जाए न की फ्यूल पर
हॉट मिक्सिंग प्लांट से लेकर ब्रिक क्रेक्स प्लांट पर प्रतिबंध
माइनिंग एक्टिविटी पर प्रतिबंध

एक अक्टूबर से ढककर रखा जाएगा टि्वन टावर का मलबा
गौरतलब है कि सेक्टर-93ए स्थित ट्विट टावर ध्वस्तीकरण के बाद 80 हजार टन मलबा निकला है, जिसे निस्तारण करना है. मलबे की ढुलाई में करीब तीन महीने का समय लगने की संभावना है. यानी इसकी ढुलाई में कम से कम नवंबर तक का समय लगेगा. इस बार ग्रैप पहली अक्टूबर से ही लागू होगा.

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