कुरारा क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार, स्वास्थ्य विभाग नहीं कर रहा कोई कार्यवाही
कुरारा : गांव में अपना अस्पताल खोल यह डॉक्टर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ कर रहे हैंखिलवाड़ सरकारी व्यवस्थाएं हुई ध्वस्त गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच रहे हैं ग्रामीण बेहाल ।।
ज्ञात हो कि कुरारा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता के चलते ग्रामीणों खासे परेशान हैं और मजबूरन झोलाछाप डॉक्टरों की शरण में जाकर इलाज कराने के लिए बाध्य हो रहे हैं इस समय गांव में संक्रामक बीमारियों का दौर जारी है जिससे प्रत्येक गांव में दस्त उल्टी बुखार आदी के मरीजों की संख्या सैकड़ों में है जबकि सरकार द्वारा प्रत्येक केंद्र में सी एच ओ की तैनाती की गई है लेकिन उनके गांव में ना जाने के कारण मरीजों का शोषण झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है.
इतना ही नहीं इस समय प्रत्येक गांव में दो या दो से अधिक बिना डिग्री वाले डॉक्टर अपना व्यवसाय कर रहे हैं क्योंकि गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के चलते लोगों को इनकी शरण में जाना पड़ता है वहीं कुछ गांव में तो लोग दशकों से मेडिकल प्रैक्टिस करते चले आ रहे हैं इन लोगों ने अपना पंजीकरण भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के यहां नहीं कराया है मजे की बात तो यह है कि सब कुछ जानते हुए कुरारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी ऐसे लोगों कोवाक ओवर दिए हुए हैं जिससे इन लोगों के हौसले और अधिक बुलंद हो रहे हैं रात में किसी मरीज की अचानक तबीयत बिगड़ जाने से यह लोग जमकर शोषण करते हैं और मजबूरी में ही सही लोग उनकी शरण में जाते हैं क्योंकि सरकार की ओर से तैनात किए गए सी एच ओ को कभी गांव में जाना ही नहीं होता है.
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वह तो अपने घरों में ही बैठकर नौकरी पूरी कर रहे हैं कुरारा स्वास्थ्य केंद्र में तैनात सी एच ओ कभी छेत्र में जाते ही नहीं क्योंकि प्रभारी चिकित्सक का उन्हें वरद हस्त प्राप्त है अब आखिर गांव की स्वास्थ सुविधाओं की व्यवस्था कैसे हो जिससे क्षेत्र की जनता परेशान घूम रही है वही गांव में तैनात महिला स्वास्थ्य कर्मियों का कार्य महज टीकाकरण तक ही सीमित होकर रह गया है वहीं प्रसव कराने के नाम पर उन्हें कुरारा या हमीरपुर के लिए रेफर कर दिया जाता है जिससे गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं का लगभग ह्रास हो रहा है क्योंकि देखने वाला कोई नहीं है क्षेत्र की जनता ने पत्र के माध्यम से मुख्य चिकित्सा अधिकारी हमीरपुर से मांग की है कि इन झोलाछाप डॉक्टरों की जांच की जाए तथा स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने हेतु संबंधित सी एच् ओ को उनके तैनाती स्थल पर भेजा जाए जिससे ग्रामीणों की सेहत के साथ खिलवाड़ ना हो सके।