भारत का जलवा : कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग के इतिहास में इंग्लैंड से ज्यादा कामयाब भारत
दिल्ली: एक भारतीय के पास कॉमनवेल्थ गेम्स को देखने के दो नजरिए हो सकते हैं। आप इसे या तो अंग्रेजों की गुलामी का प्रतीक मान सकते हैं या फिर अंग्रेजों को यह बताने का एक अवसर कि आजादी के महज 75 सालों के अंदर हम उनसे कई मायनों में बेहतर हो गए हैं। भारतीय वेटलिफ्टर्स निश्चित रूप से दूसरे फलसफे में यकीन करते हैं।
इसका सबूत शनिवार, 30 जुलाई को भी मिला। इस दिन 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स में वेटलिफ्टिंग की चार वेट कैटेगरी के मुकाबले हुए। भारत ने चारों में मेडल जीता। इसके साथ ही भारत कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में वेटलिफ्टिंग के खेल में इंग्लैंड से ज्यादा कामयाब मुल्क बन गया है।
पढ़े : केएल के रिप्लेसमेंट के तौर पर संजू सैमसन
शनिवार को मीराबाई चानू ने गोल्ड जीता। संकेत और बिंदिया रानी ने सिल्वर अपने नाम किया। वहीं, गुरुराजा पुजारी ने ब्रॉन्ज पर कब्जा जमाया। अब भारत ने वेटलिफ्टिंग में गोल्ड और सिल्वर जीतने के मामले में इंग्लैंड को पीछे छोड़ दिया है। भारत के नाम 44 गोल्ड और 50 सिल्वर हो गए हैं।
अंग्रेजों के नाम इस खेल में 43 गोल्ड और 48 सिल्वर हैं। ब्रॉन्ज के मामले में भारत (34) पहले से इंग्लैंड (25) से आगे था। भारत से आगे सिर्फ ऑस्ट्रेलिया है। ऑस्ट्रेलिया ने कॉमनवेल्थ गेम्स वेटलिफ्टिंग में अब तक 59, गोल्ड, 52 सिल्वर और 48 ब्रॉन्ज जीते हैं। आने वाले कुछ सालों में हम ऑस्ट्रेलिया से भी आगे निकलने वाले हैं।
वेटलिफ्टिंग कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में भारत के लिए दूसरा सबसे मजबूत खेल रहा है। इस खेल में भारत ने अब तक 43 गोल्ड सहित 125 मेडल जीते हैं। इससे ज्यादा कामयाबी सिर्फ शूटिंग में मिली है। शूटिंग में हमने अब तक 63 गोल्ड सहित 135 मेडल जीते हैं। इस बार शूटिंग इस मेगा इवेंट का हिस्सा नहीं है। ऐसे में वेटलिफ्टर्स के ऊपर शानदार प्रदर्शन करने का दबाव और भी ज्यादा है। शनिवार को हमारे खिलाड़ी इस दबाव को झेलते हुए उम्मीद पर खरे उतरे हैं।
इस बार मेंस और विमेंस की तमाम वेट कैगेटरी में बदलाव किए गए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कॉमनवनेल्थ गेम्स में भी वैसी ही कैटेगरी हों जैसी ओलिंपिक में होती हैं। इसलिए पिछली बार 48KG में गोल़्ड जीतने वाली मीराबाई चानू को इस बार 49KG में हिस्सा लेना पड़ा। लेकिन, उसने 2018 के नतीजे को फिर दोहराया और लगातार दूसरी बार गोल्ड जीता। ओलिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट मीरा का यह लगातार तीसरा कॉमनवेल्थ मेडल है। 2014 में उन्होंने सिल्वर जीता था।