अल्मोड़ा के कटारमल में है करीब 9वीं सदी का भारत का दूसरा सूर्य मंदिर

दिल्लीः करीब 9वीं सदी का भारत का दूसरा सूर्य मंदिर।

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में भारत का दूसरा सबसे बड़ा सूर्य मंदिर (Katarmal Surya Temple) स्थित है. पहला सबसे बड़ा मंदिर ओडिशा के कोणार्क का सूर्य मंदिर है. अल्मोड़ा शहर से तकरीबन 18 किलोमीटर की दूरी पर है प्राचीन कटारमल सूर्य मंदिर. इस मंदिर को करीब 9वीं सदी का बताया जाता है, जो कत्यूरी शासक कटारमल देव के द्वारा बनाया गया था. बताया जाता है कि यहां पर कालनेमि नामक राक्षस का आतंक था, तो यहां के लोगों ने भगवान सूर्य का आह्वान किया. भगवान सूर्य लोगों की रक्षा के लिए बरगद में विराजमान हुए. तब से उन्हें यहां बड़ आदित्य के नाम से भी जाना जाता है.

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ओडिशा के कोणार्क मंदिर के बाद इसे देश का दूसरा सबसे बड़ा सूर्य मंदिर माना जाता है. कटारमल सूर्य मंदिर में स्थापित भगवान बड़ आदित्य की मूर्ति पत्थर या धातु की न होकर बड़ के पेड़ की लकड़ी से बनी है, जोकि गर्भ गृह में ढककर रखी जाती है.

इस परिसर में छोटे-बड़े मिलाकर कुल 45 मंदिर हैं. पहले इन मंदिरों में मूर्तियां रखी हुई थीं, जिनको अब गर्भ गृह में रखा गया है. बताया जाता है कि कई साल पहले मंदिर में चोरी हो गई थी, जिस वजह से अब सभी मूर्तियों को गर्भ गृह में रखा गया है. इस मंदिर में चंदन की लकड़ी का दरवाजा हुआ करता था, जो दिल्ली म्यूजियम में रखा गया है. इस मंदिर में साल में दो बार सूर्य की किरणें भगवान की मूर्ति पर पड़ती है. 22 अक्टूबर और 22 फरवरी को सुबह के समय यह देखने को मिलता है

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