बिहार के पंचायत पदधारकों के लिए चल और अचल संपत्ति का ब्यौरा देना हुआ जरूरी
दिल्लीः बिहार से बड़ी खबर सामने आ रही है. अब प्रदेश के सभी पंचायत पदधारकों के लिए संपत्ति का ब्यौरा देना जरूरी कर दिया गया है. इस बाबत पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने सभी जिला पंचायत पदाधिकारी को चिट्ठी लिखी है. इसमें साफ शब्दों में सभी पंचायत पदधारकों को संपत्ति का ब्यौरा देने का निर्देश दिया गया है. त्रिस्तरीय पंचायत के सभी पदधारकों को संपत्ति का ब्यौरा देना होगा. त्रिस्तरीय पंचायत के सभी पदधारकों के लिए संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए चालू वित्तीय वर्ष के तहत 31 मार्च का कट ऑफ डेट तय किया गया है.
त्रिस्तरीय पंचायत के सभी पदधारकों के लिए 31 मार्च का कट ऑफ डेट तय किया गया है. इस दौरान उन्हें चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा जिल की वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए प्रतिवेदन देने का निर्देश मंत्री पंचायती राज विभाग सम्राट चौधरी ने दिया है. इस संबंध में सभी जिला पंचायत राज पदाधिकारी को पत्र जारी कर इसका सख्ती से अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है. मंत्री ने बताया कि पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 170 के तहत त्रिस्तरीय पंचायतों के सभी पदधारक लोकसेवक घोषित हैं और सभी लोकसेवक के लिए चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देने की अनिवार्यता है.
त्रिस्तरीय पंचायत के वैसे लोकसेवक जो वांछित ब्यौरा नहीं देंगे, उनके विरुद्ध पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. पंचायती राज विभाग के निदेशक रंजीत कुमार सिंह ने सभी जिलों के पंचायती राज पदाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि अगर संबंधित प्रतिनिधि अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा समय पर उपलब्ध नहीं करा पाते हैं तो जिला पंचायत राज पदाधिकारी साल के 15 अप्रैल तक उन्हें पहला कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे. कारण बताओ नोटिस जारी करने के 15 दिनों के अंदर अनुपालन न किए जाने पर ऐसे प्रतिनिधियों से अंतिम बार स्पष्टीकरण मांगा जाएगा.