यूक्रेन से लौटे बच्चों के अभिभावक करंगे प्रदर्शन, बात न बानी तो करेंगे आत्मदाह
दिल्लीः रूस यूक्रेन युद्ध के चलते भारत वापस लौटे मेडिकल के छात्रों को स्थानीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिल करवाने की मांग को लेकर छात्र छात्राओं के अभिभावकों ने संघर्ष शुरू कर दिया है. सोमवार देर रात यूक्रेन से लौटे जिला के कई छात्र छात्राओं के अभिभावक दिल्ली में इस मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करने के लिए रवाना हुए. दौलतपुर चौक से दिल्ली तक चलने वाली हिमाचल एक्सप्रेस गाड़ी में रवाना होने से पूर्व अभिभावकों और छात्र-छात्राओं ने सरकार से उन्हें स्थानीय मेडिकल कॉलेजों में यथावत दाखिल करने की मांग उठाई.
उन्होंने कहा कि फिलहाल छात्रों के अविभावक धरना प्रदर्शन कर अपनी मांग को उठाएंगे यदि इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांग को अनसुना किया तो उन्हें आत्मदाह या फिर आमरण अनशन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. हालांकि अभिभावकों ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के होते उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय नहीं होगा
बता दें कि युद्ध की परिस्थितियों के बीच यूक्रेन में डॉक्टरी की पढ़ाई छोड़कर भारत वापस लौटने वाले छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों में भविष्य को लेकर चिंताएं विकराल रूप धारण करने लगी हैं. लंबे अरसे से सभी छात्र छात्राओं को भारतीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिला देने की मांग कर रहे. अब अभिभावकों ने अपनी मांग के लिए अब धरना प्रदर्शन के रास्ते को चुना है.