अपने बयान से पलटे एकनाथ शिंदे, अब कहा- कोई भी राष्ट्रीय पार्टी उनके संपर्क में नहीं
दिल्लीः शिवसेना के बाग़ी नेता एकनाथ शिंदे ने कहा है कि कोई भी राष्ट्रीय पार्टी उनके संपर्क में नहीं है. हालाँकि एक दिन पहले ही उन्होंने किसी पार्टी का नाम लिए बिना कहा था- यह राष्ट्रीय पार्टी है. यह महाशक्ति है. उन्होंने मुझे बताया है कि मैंने जो फ़ैसला लिया है वह ऐतिहासिक है और हमारे पास इसके पीछे उनकी पूरी शक्ति है
ये पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी उनके गुट को समर्थन कर रही है, एक टीवी चैनल से बातचीत में शिंदे ने कहा- जब मैंने ये कहा था कि एक बड़ी शक्ति हमारा समर्थन कर रही है, तो मेरा मतलब बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे की शक्ति से था.
गुरुवार को एकनाथ शिंदे ने विधायकों से बात करते हुए कहा था कि हमारे सुख-दुख एक हैं. जो भी होगा, हम उसका एकता के साथ सामना करेंगे. जीत हमारी है. बीबीसी मराठी के मुताबिक़ ऐसा कहते हुए उन्होंने बीजेपी का तो नाम नहीं लिया था, लेकिन परोक्ष रूप से उसका ज़िक्र किया और कहा कि वे उनका समर्थन कैसे करते हैं.
लेकिन अब उन्होंने दूसरी बात कही है. ये पूछे जाने पर कि महाराष्ट्र में चल रहा सियासी संकट कब ख़त्म होगा, शिंदे ने कहा- कुछ समय स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि शिवसेना के 55 विधायकों में से 40 उनके साथ गुवाहाटी में हैं.
उन्होंने कहा- लोकतंत्र में बहुमत और नंबर्स की अहमियत है. इसलिए किसी के पास हमारे ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है. दरअसल शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर से बाग़ी विधायकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की अपील की है. इस सूची में एकनाथ शिंदे का नाम भी बताया जा रहा है.
शुक्रवार को उस समय एकनाथ शिंदे गुट को झटका लगा, जब विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने एकनाथ शिंदे की जगह अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में मंज़ूरी दे दी है. डिप्टी स्पीकर के कार्यालय ने इस बार में पत्र शिवसेना दफ़्तर को भेजा है. पहले एकनाथ शिंदे विधानसभा में शिवसेना विधायक दल के नेता थे.
पिछले दिनों शिवसेना की बैठक में एकनाथ शिंदे को हटाकर अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाए जाने की घोषणा की थी. अब डिप्टी स्पीकर ने इसे मंज़ूरी दे दी है.
इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी ने बाग़ी विधायकों के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलते हुए उन्हें चुनौती दी है. संजय राउत ने कहा कि ये लड़ाई ज़रूर जीती जाएगी. शिवसेना की सहयोगी पार्टियाँ कांग्रेस और एनसीपी ने भी उद्धव ठाकरे का समर्थन किया है.