मेरठ में सवा करोड़ की लागत से लगे वाटर एटीएम बने कबाड़
दिल्लीः आम जनता को सुविधा पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर योजनाएं तो बहुत लाई जाती हैं, लेकिन योजनाओं की शुरुआत के बाद उनकी सही से देखरेख न होने की वजह से सिर्फ पैसे की बर्बादी भी देखने को मिलती है. कुछ इसी तरह की तस्वीर मेरठ कैंट में देखने को मिली. दरअसल, वर्ष 2018 में जनता को स्वच्छ और ठंडा पेयजल उपलब्ध कराने के लिए मेरठ कैंट बोर्ड (Meerut Cantt Board) द्वारा वाटर एटीएम (Water ATM) लगाए गए थे, लेकिन अब यह सिर्फ कबाड़ के डिब्बे बनकर ही रह गए हैं.
मेरठ में सवा करोड़ की लागत से लालकुर्ती थाना स्थित बेगमपुल, लालकुर्ती, घोसी मोहल्ला, सदर चौक, दास मोटर्स, गांधीबाग, रजबन सहित 21 स्थानों पर वाटर एटीएम लगाए गए थे, ताकि भीषण गर्मी के बीच राहगीरों को ठंडा और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सके. हालांकि ये वाटर एटीएम अब केवल शोपीस बनकर रह गए हैं. इसमें से ठंडा पानी मिलता तो दूर बल्कि कूड़ा जमा पड़ा है. इतना ही नहीं, वाटर एटीएम के पास मकड़ियों के जाले ही दिखाई पड़ रहे हैं.
देखरेख ना होने की वजह से बने कबाड़
वाटर एटीएम की खासियत की बात की जाए तो यह सौर ऊर्जा से संचालित थे. वहीं, वाटर एटीएम को कैसे चलाया जाए.उसके बारे में पूरी विधि भी लिखी हुई है, लेकिन अब यह सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं, तो राहगीरों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है.
जल्द जारी होगा टेंडर, निःशुल्क उपलब्ध कराएंगे पानी
मेरठ कैंट बोर्ड के सीईओ ज्योति कुमार से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि टेंडर न होने के कारण वाटर एटीएम खराब हो गए हैं. जल्द ही इन्हे ठीक कराया जाएगा. साथ ही जनता को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए अब किसी भी प्रकार का कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. जनता को निःशुल्क पानी उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे.