भाजपा और कांग्रेस के चुनावी गणित को बिगाड़ने में आम आदमी पार्टी भी जुटी
दिल्लीः मध्य प्रदेश नगर निकाय चुनाव में नामांकन वापस लेने का वक्त खत्म हो गया है। सूबे की 16 नगर निगमों में इस बार चुनावी मुकाबला काफी रोचक होने की उम्मीद है। भाजपा और कांग्रेस के चुनावी गणित को बिगाड़ने की कोशिश में जहां आम आदमी पार्टी जुटी है, वहीं दोनों ही दलों को टिकट बंटवारे की वजह से कार्यकर्ताओं की नाराजगी को भी झेलना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश के 16 नगर निगमों में कहां पर किससे किसकी लड़ाई है, इसकी पूरी जानकारी हम आपको एक जगह पर दे रहे हैं।
उज्जैन में 6 प्रत्याशी अजमा रहे किस्मत
उज्जैन नगर निगम चुनाव में मेयर पद के लिए 6 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। यहां भाजपा के मुकेश टटवाल और कांग्रेस के महेश परमार के बीच मुख्य मुकाबला होगा। भाजपा के मुकेश टटवाल पेशे से शिक्षक हैं, वही कांग्रेस के महेश परमार तराना से विधायक हैं। पिछले चुनाव में भाजपा की मीना जोनवाल ने कांग्रेस की कविता गोमे को 23 हज़ार के करीब मतों से शिकस्त दी थी। संपत्ति के मामले में भी भाजपा प्रत्याशी से कांग्रेस प्रत्याशी आगे हैं। भाजपा प्रत्याशी टटवाल बजरंग दल और आरएसएस से जुड़े हुए हैं। दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार छात्र राजनीति से आये हैं और जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर रहते हुए विधायक बने थे।
रीवा नगर निगम से महापौर पद के कुल 14 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है। रीवा से बीजेपी ने महापौर पद के लिए प्रबोध व्यास को अपना प्रत्याशी बनाया है। प्रबोध व्यास संघ से जुड़े हैं, जिनकी पार्टी के नेताओं के बीच अच्छी पकड़ बताई जाती है। वहीं कांग्रेस ने अजय मिश्रा बाबा को अपना प्रत्याशी बनाया है, जो दिग्विजय सिंह के काफी करीबी बताए जाते हैं। यहां जब से महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होने लगा, तब से यहां भाजपा ही जीतती आ रही है। इस बार आम आदमी पार्टी और शिवसेना ने भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है, लेकिन चुनावी टक्कर कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही रहने की संभावना है।