GoM मीटिंग में GST स्लैब बदलने पर नहीं हुआ फैसला
दिल्ली: जुलाई में GST को 5 साल होने वाले हैं। इससे पहले शुक्रवार को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक हुई। इसमें GST स्लैब और इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर पर चर्चा हुई, लेकिन दोनों ही मुद्दों पर अंतिम राय नहीं बनी। अब GoM ने इस पर चर्चा के लिए फिर से मिलने का फैसला किया है। मीटिंग में राज्यों को GST कम्पनसेशन की समय सीमा बढ़ाने की भी मांग की गई है।
बैठक में राजस्थान, बिहार, यूपी, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, गोवा, केरल सरकार के मंत्री शामिल हुए। पिछले साल काउंसिल ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में स्टेट मिनिस्टर्स की एक कमेटी गठित की थी। इसका काम टैक्स रेट को तर्कसंगत बनाकर राजस्व बढ़ाने के तरीके सुलझाना है जो अब तक नहीं हो पाया है।
अब श्रीनगर में 28-29 जून को होने वाली GST काउंसिल की 47वीं मीटिंग में GoM में लिए फैसलों पर मुहर लगेगी। इसमें कसीनो, घुड़दौड़ और ऑनलाइन गेमिंग के लिए GST दरों पर भी विचार किया जाएगा। ये भी देखना होगा कि सरकार राज्यों के राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए GST कम्पनसेशन की समय सीमा बढ़ाती है या नहीं।
GoM की मीटिंग में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर पर भी चर्चा हुई है। जब फिनिश्ड प्रोडक्ट पर इंपोर्ट ड्यूटी कच्चे माल के मुकाबले कम होती है तो उसे इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर कहते हैं। कई टैक्सपेयर्स फर्जी इनवॉयस बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा उठाते हैं। इसलिए सरकार इनपुट और फाइनल गुड्स पर GST के बीच इस बेमेल को ठीक करना चाहती है।