अफवाहों को हवा देकर मजा ले रहे प्रशांत किशोर, कांग्रेस में शामिल होने को लेकर संशय बरकरार
दिल्लीः बीरबल की खिचड़ी पकाने वाली कहावत तो आपने खूब पढ़ी होगी लेकिन राजनीति में खिचड़ी कैसे पकानी चाहिए ये प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) लोगों को सिखा रहे हैं। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर संशय अब भी जारी है। कांग्रेस आलाकमान के साथ कई दौर की मीटिंग होने के बाद भी साफ नहीं हो पाया है कि प्रशांत किशोर (पीके) कांग्रेस में कब शामिल हो रहे हैं। उससे भी पहले इस सवाल का जवाब भी अटका हुआ है कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल हो भी रहे हैं या नहीं।
इस सवाल के उठने के पीछे मजबूत वजह है। प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC ने अगले साल तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की प्रतिद्वंदी पार्टी टीआरएस से हाथ मिला लिया है। मतलब ये कि पीके तेलंगाना विधानसभा चुनाव में टीआरएस का पॉलीटिकल कैंपेन देखेगी।
दूसरी तरफ पीके और कांग्रेस आलाकमान के बीच मैराथन बैठकों का दौर जारी है। पिछले डेढ़ हफ्तों में पीके और कांग्रेस नेतृत्व के बीच कई राउंड की बैठक हो चुकी है। हर बार जब भी पीके सोनिया गांधी से मिलने जाते हैं तब-तब खबर आती है कि पीके कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं। पीके ना सार्वजनिक तौर पर इस बात को स्वीकार कर रहे हैं ना ही अस्वीकार कर रहे हैं। मतलब ये कि प्रशांत किशोर भी अफवाहों को हवा देकर मीडिया में बने रहने का मजा ले रहे हैं।
अब खबर है कि पीके ने कांग्रेस नेतृत्व को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जो- जो सुझाव दिए हैं उसपर कांग्रेस गंभीरता से विचार कर रही है। पीके द्वारा सुझाए गए बिंदुओं को लागू करने के लिए कांग्रेस ने एक आंतरिक समूह बनाया है। हालांकि इस ग्रुप में कौन-कौन शामिल हैं ये फिलहाल कहना मुश्किल है।
इस बीच एक और खबर है और वो ये कि कांग्रेस पार्टी राजस्थान के उदयपुर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन करने जा रही है। ये चिंतन शिविर 13 से 15 मई के बीच आयोजित होगा जिसमें देशभर से करीब चार सौ कांग्रेसी नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।