विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला श्रीलंका दौरे पर
2 सितंबर को भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला चार दिनों की यात्रा पर श्रीलंका पहुंच रहे हैं। इस दौरे पर वह कई इन्फ्रास्ट्रक्चर और एनर्जी प्रोजेक्ट्स की प्रगति का आकलन करेंगे।
इसके साथ ही श्रीलंका को आर्थिक सहायता की जरूरत एजेंडे में सबसे ऊपर रहने की संभावना है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए प्रेस रिलीज में कहा गया है कि विदेश सचिव की यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों, द्विपक्षीय परियोजनाओं की प्रगति, कोरोना वायरस से निपटने को लेकर सहयोग आदि को लेकर समीक्षा करने का अवसर प्रदान करेगी। रिलीज में कहा गया है कि श्रीलंका, भारत की पड़ोसी देशों की नीति में केंद्रीय स्थान रखता है।
इस यात्रा को कोलंबो के पूर्वी कंटेनर टर्मिनल के लिए भारत और जापान के साथ एक समझौता ज्ञापन को रद्द करने के श्रीलंका के फैसले और त्रिकोमाली तेल फार्म सहित कई और प्रस्तावों में धीमे चल रहे कामों के कारण संबंधों में तनाव को फिर से स्थापित करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
रिपोर्ट्स बताती हैं कि नई दिल्ली से इस बात से चिंतित है कि जहां भारतीय प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिलने में बहुत वक्त लग रहा है वहीं चीनी प्रोजेक्ट्स जो महामारी के दौरान भी मंजूरी दी गई है।
द हिंदू ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मोदी सरकार इस बात से संतुष्ट है कि भारत के पास कोलंबो बंदरगाह में एक जगह है और राष्ट्रपति गोताबाया ने अदानी पोर्ट्स को वेस्ट कोस्ट टर्मिनल की पेशकश की है, जिसको लेकर हाल ही में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
हाल ही में भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने कहा था कि दोनों देशों में भरोसे की कमी और गलत धारणाओं की वजह से नई दिल्ली को ऐसा लगता है कि श्रीलंका चीन के करीब है लेकिन नई दिल्ली और कोलंबो की सभ्यता संबंधी कड़ी इन मतभेदों को दूर करती है।
श्रृंगला इस दौरे पर तमिल अधिकारों को लेकर भी प्रमुखता से बात करने वाले हैं। श्रृंगला इस दौरे पर कैंडी, त्रिकोमाली और जाफना भी पहुंचेंगे।
भारत श्रीलंका की आर्थिक सहायता की जरुरतों का आकलन करने के साथ ही कोरोना वायरस से निपटने में भी श्रीलंका की मदद करेगा। भारत श्रीलंका को कोविड वैक्सीन निर्यात करने को लेकर भी कुछ फैसला ले सकता है।