राजस्व से तीन सालों में 100 मामले रेगुलर पुलिस को सौंपे
राजस्व पुलिस व्यवस्था भले ही कम खर्चीली हो, लेकिन अपराधों की जांच के मामले में यह कारगर साबित नहीं हो रही है।
राजस्व पुलिस क्षेत्र के अधिकतर संगीन मामलों की जांच आखिरकार रेगुलर पुलिस को सौंपे जा रहे हैं। जिले में इसी साल 28 मामले रेगुलर पुलिस के पास आ चुके हैं।
यह आम धारणा है कि रेगुलर पुलिस से बचने के लिए शातिर अपराधी राजस्व क्षेत्र को अपना ठिकाना बनाते आए हैं।
संशाधनों के अभाव में राजस्व पुलिस जटिल और संवेदनशील मामलों की जांच नहीं कर पाती है। पीड़ित भी जल्दी खुलासे के लिए मामले को रेगुलर पुलिस को सौंपने की मांग करते हैं।
ऐसे में अधिकतर गंभीर मामले रेगुलर पुलिस को सौंपे जा रहे हैं। इधर, रेगुलर पुलिस इस अतिरिक्त दायित्व को निभाने से इंकार करने की स्थिति में नहीं रहती है, लेकिन इससे काम का बोझ जरूर बढ़ जाता है।
वहीं अपने इलाके से बाहर जांच में खासी परेशानी भी सामने आती है। जिले में राजस्व क्षेत्र के 2018 से 2020 तक कुल 91 मामले रेगुलर पुलिस को सौंपे गए हैं।
राजस्व पुलिस की कार्य क्षमता को लेकर न्यायालयों के स्तर से भी गंभीर टिप्पणियां की जा चुकी हैं। वहीं वर्तमान हालात में कई बार रेगुलर पुलिस के क्षेत्र में वृद्धि की मांग भी की जाती है, लेकिन सरकार की ओर से इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है।
ऐसे में अल्मोड़ा समेत पहाड़ के जिलों में राजस्व पुलिस क्षेत्र के मामले रेगुलर पुलिस में आने का सिलसिला फिलहाल जारी रहेगा।