स्वदेशी सोशल मीडिया ऐप बनाएगा इथियोपिया
दिल्ली: अफ्रीकी देश इथियोपिया ने सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप जैसे मंचों से मुकाबला करने के लिए ऐसे ही घरेलू प्लैटफॉर्म तैयार करना शुरू कर दिया है.इथियोपिया की सरकारी संचार सुरक्षा एजेंसी ने कहा है कि फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म का मुकाबला करने के लिए घरेलू मंच विकसित किए जा रहे हैं. हालांकि अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट प्रतिबंधित नहीं की जाएंगी. इथियोपिया में पिछले करीब एक साल से युद्ध जारी है. स्थानीय टिग्रे पीपल्स लिबरेशन फ्रंट (टीपीएलफ) के बागियों और सरकार के बीच लगातार हिंसक संघर्ष चल रहा है. टीपीएलएफ देश के उत्तर में टिग्रे पर नियंत्रण हासिल कर चुका है और अन्य इलाकों की ओर बढ़ रहा है. इस हिंसक संघर्ष में दोनों पक्षों के समर्थकों ने अपने अपने प्रचार के लिए सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल किया है. सरकार चाहती है कि उसके घरेलू मंच फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सऐप और जूम जैसी अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट की जगह ले पाएं.
इन्फॉर्मेशन नेटवर्क सिक्यॉरिटी एजेंसी (INSA) के महानिदेशक शुमेटे गीजा का कहना है कि फेसबुक जैसे मंच भेदभाव करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि फेसबुक ने ऐसी पोस्ट और अकाउंट डिलीट किए हैं जो इथियोपिया की सच्चाई बयान करते थे. शुमेटे ने इस बारे में कोई ब्यौरा नहीं दिया कि इन योजनाओं के लिए कितना बजट होगा और कब तक ये वेबसाइट तैयार हो पाएंगी. लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि देश के पास ऐसे प्लैटफॉर्म तैयार करने की तकनीकी क्षमता है और किसी विदेशी को काम पर नहीं रखा जाएगा. उन्होंने कहा, “स्थानीय क्षमता से तकनीक विकसित करने की वजह साफ है. आपको क्या लगता है कि चीन वीचैट क्यों इस्तेमाल करता है?” अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने सोशल मीडिया बंद करने जैसे कदमों के लिए इथियोपिया की सरकार की आलोचना की है. पिछले एक साल में कई बार फेसबुक और वॉट्सऐप बंद हुए हैं, जिनके बारे में सरकार ने कोई टिप्पणी नहीं की है. फेसबुक के अफ्रीका में प्रवक्ता केजिया अनीम-अडो ने इथियोपिया की घरेलू प्लैटफॉर्म तैयार करने की योजनाओं पर कोई टिप्पणी नहीं की.
इसे चीन की सरकार द्वारा लोगों पर निगरानी का एक हथियार भी माना जाता है. भारत में भी ट्विटर के मुकाबले के लिए एक मंच तैयार हुआ है, जिसका नाम कू है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर से संबंध अच्छे नहीं रहे हैं. बीते कुछ महीनों में एक के बाद एक ऐसी कई बातें हुई हैं जिनसे दोनों के रिश्तों में खटास आई है. उसके बाद से कू ने काफी प्रगति की है. कई केंद्रीय और राज्य मंत्री कू को बढ़ावा दे रहे हैं.