छह माह में ही 27 फौजी फेल
बांदा,संवाददाता। रिटायर्ड फौजियों से ओवरलोड वाहनों पर लगाम लगाने का खनिज विभाग का मंसूबा पूरी तरह से फेल हो गया। पहली छमाही में ही यह परीक्षण फ्लाप साबित हुआ। ओवर लोडिंग तो होतीं रहीं, उल्टे पूर्व फौजियों पर भी उगाही के आरोप लगने लगे।
अब छह माह के लिए नियुक्त किए गए पूर्व सैनिकों को अवधि पूरी होते ही काम से हटा दिया गया है। खनिज विभाग भी घाटे का सौदा मान रहा है।
प्रदेश की खनिज निदेशक डॉ. रोशन जैकब (आईएएस) के निर्देश पर इसी वर्ष फरवरी माह में यहां 27 पूर्व फौजी रखे गए थे। इन्हें तीन-तीन की संख्या में 24 घंटे जनपद के तीन क्षेत्रों में बनाए गए बैरियर में तैनात किया गया था।
यह सैनिक उत्तर प्रदेश पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड, झांसी ने उपलब्ध कराए थे। इनकी कार्यावधि छह माह थी। इनको 15 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जा रहा था। दो दिन पूर्व इन सभी 27 पूर्व फौजियों को खनिज विभाग ने हटा दिया है।
खनिज निरीक्षक ईश्वरचंद्र ने बताया कि 6 माह की अवधि पूरी हो जाने और जिलाधिकारी द्वारा इनका कार्यकाल न बढ़ाए जाने पर सभी पूर्व फौजियों की सेवा समाप्त कर दी गई है। इंस्पेक्टर ने कहा कि पूर्व सैनिकों की शिकायतें भी मिल रहीं थीं।
इन्हें जितना वेतन दिया जा रहा था, उतना राजस्व नहीं बढ़ा। यह व्यवस्था घाटे की सौदा रही। इस बाबत अब अग्रिम निर्णय जिलाधिकारी ही लेंगे।
उधर, अपर जिलाधिकारीध्खनिज प्रभारी संतोष बहादुर सिंह ने कहा कि कार्यकाल खत्म होने पर पूर्व सैनिक हटाएं गए हैं। इनके नवीनीकरण के लिए शासन से फिलहाल कोई निर्देश नहीं मिले हैं। पूर्व सैनिकों को 15 हजार रुपये वेतन जिला खनिज न्यास निधि से दिया जा रहा था।
जिले में 3 खनिज बैरियर बनाए गए थे। 3 पालियों में 3-3 पूर्व सैनिक लगाए जाते थे। बैरियरों में गिरवां थाने के पीछे, मटौंध से मध्य प्रदेश (गौरिहार) वाली सड़क और नरैनी-करतल रोड शामिल हैं।