बोली नहीं काम से होगी तालिबान की परख: ब्रिटेन
अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद दुनिया का भरोसा जीतने के लिए विद्रोही संगठन की बातों में काफी नरमी दिख रही है। कुछ देश तो तालिबान को बदला हुआ बताकर मान्यता देने पर भी विचार करने लगे हैं।
हालांकि, इस बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इस्लामिक कट्टरपंथियों को मान्यता देने को लेकर सावधान करते हुए कहा है कि तालिबान को उसके शब्दों से नहीं बल्कि काम से परखा जाए।
बोरिस जॉनसन ने संसद में कहा कि उनका देश तालिबान के शासन को उसके शब्दों की बजाय काम के आधार पर परखेगा। वह देखेंगे कि आतंकवाद, अपराध और ड्रग्स के प्रति इसका रुख क्या होता है। मानवाधिकारों और लड़कियों की शिक्षा के प्रति उसके रवैये पर भी नजर होगी।
अफगानिस्तान में कब्जे के बाद पहली बार आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान की जमीन से किसी दूसरे देश को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
माना जा रहा है कि तालिबान ने दुनिया की उस आशंका को दूर करने की कोशिश की है, जिनमें कहा जा रहा है कि कट्टरपंतियों के शासन में एक बार फिर अफगानिस्तान आतंकवाद का गढ़ बन जाएगा। प्रवक्ता ने अफगानिस्तान में भी विदेशी दूतावासों और नागरिकों को सुरक्षित रखने का भरोसा दिया।