सज्जाद नोमानी ने किया तालिबान का समर्थन
सज्जाद नोमानी ने कहा, ’15 अगस्त का दिन इतिहास में दर्ज हो गया है। अफगानिस्तान में तालिबान ने बिना हथियारों और बिना किसी विज्ञान के दुनिया की सबसे बड़ी ताकत को मात दी।
उन्होंने काबुल के राष्ट्रपति भवन में जिस तरह से एंट्री ली, उसमें किसी भी तरह का गुरूर नहीं दिखा। वे नौजवान काबुल की सरजमीं को चूमते दिखे और खुदा का शुक्र अदा किया।
‘ नोमानी ने कहा कि जो कौम मरने के लिए तैयार हो जाए, उसे दुनिया में कोई शिकस्त नहीं दे सकता। नोमानी ने तालिबान को जीत पर मुबारकबाद देते हुए कहा कि दूर बैठा एक हिंदी मुसलमान आपको सलाम करता है।
नोमानी ने कहा कि यह पूरी दुनिया ने देख लिया कि आपने लोगों को गले लगा लिया और आम माफी का ऐलान कर दिया। पूरे मुल्क में महिलाओं से किसी भी तरह की बदसलूकी का कोई वाकया नहीं आया।
जबकि आप पर इस तरह के आरोप पहले भी लगते रहे हैं। इसके बाद अगले ही दिन बाजार खुल गए और बच्चियां स्कूल जाती नजर आ रही हैं।
नोमानी ने कहा कि आपको लंबी कुर्बानियों के बाद मौका मिला है। आपका यह भाई आपके लिए दुआ करता है कि आप दुनिया को दिखा सकें कि इस्लाम इंसाफ का दीन है।
आपको एक मौका मिला है कि आप दुनिया के सामने अमन की मिसाल पेश करें। आप दिखाएं कि इस्लाम इंसानों की चौतरफा तरक्की चाहता है।
मैं उम्मीद करता हूं कि अब पूरी एशिया में अमन फैलेगा। नोमानी ने उसके शासन का स्वागत किया और उस पर लग रहे आरोपों को भी गलत करार दिया।