कहां से कहां पहुंच गया सब्जी-दाल- तेल का भाव
कोरोना काल में लोगों की नौकरी छूटी, काम-धंधे चौपट हुए, इनकम घटी तो घर का खर्च चलाना मुश्किल है गया। ऊपर से महंगाई ने नाक में दम कर दिया। हालात ये हो गए हैं कि अब लोग ये गीत भी नहीं गुनगुना सकते कि सखी सईयां तो खूब ही कमात है, पर महंगाई डायन खाय जात है।
कमाई घटी तो पिछले एक साल में खाद्य तेलों जैसे सरसों, सोयाबीन, वनस्पति, सूरजमुखी, पाम ऑयल की बढ़ती कीमत ने किचन का बजट बुरी तरह बिगाड़ के रख दिया है। ऊपर से दालों ने कोढ़ में खाज का काम किया है।
उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 2 अगस्त को सरसों तेल की औसत कीमत 122.12 रुपये प्रति किलो थी जो 2 अगस्त 2021 को बढ़कर 172.72 रुपये पर पहुंच गई। इस दौरान इसमें 41 फीसद की उछाल दर्ज की गई। वनस्पति का भाव जो एक साल पहले 87.34 रुपये था, वह बढ़कर 133.37 रुपया हो गया है।
इसमें 52 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। सबसे तेज उछाल सूरजमुखी के तेल में हुआ है। एक साल में यह 108.09 रुपये से 171.09 रुपये पर पहुंच गया है यानी 58.28 प्रतिशत का उछाल। पॉम ऑयल भी इस दौरान करीब 50 फीसद महंगा हुआ है।