पेट्रो पदार्थ जीएसटी दायरे में नहीं
बांदा,संवाददाता। पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से केंद्र सरकार ने फिलहाल पल्ला झाड़ लिया है। दलील दी कि जीएसटी परिषद की सिफारिश जरूरी है। परिषद ने ऐसी कोई सिफारिश नहीं की।
राज्य सभा सांसद विशंभर प्रसाद निषाद (बांदा) और चैधरी सुखराम सिंह यादव व छाया वर्मा द्वारा पूछे गए अतारंकित प्रश्न के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चैधरी ने लिखित रूप से दिए जवाब में कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमशरू 26 जून 2010 और 19 अक्तूबर 2014 से बाजार निर्धारित हो गईं हैं।
तभी से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल के बारे में कोई भी यथोचित निर्णय इन उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों और बाजार की अन्य स्थितियों के आधार पर ले रहीं हैं।
तेल विपणन कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में होने वाले बदलाव और रुपये व डॉलर की परस्पर विनिमय दर के आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी या कमी करती है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने सीजीएसटी एक्ट का हवाला देकर कहा कि पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए जाने के लिए जीएसटी परिषद की सिफारिश जरूरी है। अभी तक परिषद ने ऐसी कोई सिफारिश नहीं की है। परिषद में राज्यों का भी प्रतिनिधित्व है।