यूपी में होगी पांच हजार नोटरी अधिवक्ताओं की नियुक्ति: ब्रजेश पाठक
केंद्र सरकार से मिली अनुमति
लखनऊ,संवाददाता। उत्तर प्रदेश में बढ़ते न्यायिक कार्य को देखते हुए 5000 नोटरी अधिवक्ताओं की जल्दी भर्ती होगी। प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू से दिल्ली में मुलाकात की और उन्हें इस समस्या से अवगत कराया। राज्य सरकार के अनुरोध को स्वीकारते हुए केंद्र ने इस पर अपनी सैद्धांतिक सहमति जतायी है।
नोटरी अधिवक्ताओं की भर्ती इंटरव्यू के जरिए होगी। हर जिले से इसके लिए आवेदन मांगे जाएंगे। प्रदेश में अभी नोटरी अधिवक्ताओं के 2625 पद सृजित हैं। योगी सरकार ने नोटरी अधिवक्ताओं के पदों की संख्या 2625 से बढ़ाकर 7625 करने का प्रस्ताव केंद्रीय कानून मंत्रालय को भेजा था। इस पर निर्णय लंबित था।
लंबे समय से अधिवक्ता पद बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश सरकार जल्द से जल्द इन पदों को केंद्र से मंजूर कराकर प्रदेश में अधिवक्ताओं के नियुक्त करना चाहती है। सरकार ने केंद्र से कहा है कि नए पद बढ़ने से नए अधिवक्ताओं को नोटरी विषयक विधि व्यवसाय का रोजगार प्राप्त होगा तथा जनता की सहूलियत बढ़ने से सरकार की लोकप्रियता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।
विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू से मुलाकात कर नोटरी अधिवक्ताओं के 5000 पद बढ़ाने के प्रस्ताव पर जल्द निर्णय का आग्रह किया है। रिजिजू ने सिद्धांत रूप में सहमति दे दी है। कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि उत्तर प्रदेश में 110 नए परिवार न्यायालय गठित किये गए हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में दर्ज मुकदमों की तेजी से सुनवाई के लिए 220 फास्ट ट्रैक कोर्ट और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों के लिए 120 नए पाक्सो कोर्ट भी स्थापित किये गए हैं। ज्यादातर जिलों में एमपी-एमएलए कोर्ट भी गठित किए जा चुके हैं। राज्य में 13 नए कामर्शियल कोर्ट खोले गए हैं। हर जिले में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल स्थापित किए गए हैं।
लोक अदालतों को स्थायी स्वरूप देते हुए उनमें सीजेएम स्तर के न्यायाधीश तैनात किए गए हैं। जजों के नए पद सृजित कर उन पर नियुक्तियां व प्रमोशन किए गए हैं। केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने पर हर जिले को औसतन 66 और तहसील स्तर पर 10-10 नोटरी अधिवक्ता मिलेंगे। ऐसे अधिवक्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी जो पहले से रजिस्टर्ड हैं लेकिन प्रैक्टिस कम चलती है।