पति ने ढाये बेशुमार जुल्म, भाई ने भी घर से निकाला
एक अबला नारी पर हर प्रकार का जुल्म किया गया। उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। प्रताड़ना के बाद महिला मानसिक रूप से असंतुलित हो चुकी है। पति के प्रताड़ना से तंग आकर पीड़ित अपने मायके बालूमाथ में रहने लगी, लेकिन उसकी बुरी किस्मत सोमवार को उसके भाई ने उसे घर से निकाल दिया।
दर-दर भटकती महिला सोमवार की शाम नगर मंदिर पहुंची। इधर-उधर भटकता देख गांव की ही एक महिला ने उसे अपने घर में आश्रय दिया। मंगलवार को पीड़ित महिला ने अपनी आपबीती ग्रामीणों को बताई, महिला अंदर से इतनी डरी सहमी थी कि कुछ भी बोलने के बाद रोना शुरू कर देती थी।
पीड़ित की शादी नाबालिग उम्र में ही रांची नामकुम निवासी विधुर अर्जुन सिंह के साथ 2003 में करा दी गई। शादी के कुछ माह के बाद से ही अर्जुन सिंह उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने लगा। सबकुछ सहकर वह वही रही।
महिला के दो बेटे भी हुए। महिला का आरोप है कि पहले बेटे को ढाई वर्ष की उम्र में उसके पति ने ही मार डाला था। अभी एक बेटा है, जो करीब 10 वर्ष का है, उसे भी उससे दूर रखा गया है।
महिला अपने पति की प्रताड़ना जब नही झेल पाई, तो अपने मायके रहने चली आयी। करीब 3 वर्ष बीतने के बाद भाई ने भी ताना मारना शुरू कर दिया और बीते सोमवार को घर से निकाल दिया। महिला की मां दिव्यांग है, जबकि पिता (रामखेलावन सिंह) की मौत हो चुकी है।
दर-दर भटक रही महिला रहने के लिए सिर्फ आश्रय चाहती है। बोली न ही मैं अब अपने मायके जाऊंगी न ही पति के पास। कही रहने और काम का जुगाड़ हो जाएगा तो वही जिंदगी गुजार लूंगी। मामला पेचीदा होने के कारण गांव वाले भी पीड़ित महिला को अपने पास रखने से घबरा रहे हैं।
ग्रामीण महिला का कहना था महिला घबराई हुई है और थोड़ी मानसिक रूप से असंतुलित भी लग रही है। ऐसे में रखने के बाद कल जाकर कोई विवाद हो जायेगा, तो हमसब फंस जाएंगे।