भक्त के बस में है भगवान
कुरारा हमीरपुर, कस्बे में श्री रुद्र महायज्ञ के चलते आज व्यासपीठ से पंडित अंबिका प्रसाद शास्त्री द्वारा श्री कृष्ण जन्म की मनोरम कथा की व्याख्या की गई जिसे सुनकर श्रोता विभोर हुए।
कस्बा कुरारा में चल रही 47 वे रुद्र महायज्ञ में जहां कस्बा कुरारा सहित समीपस्थ गांव के लोग भक्ति की मंदाकिनी में गोते लगा रहे हैं वही श्रीमद् भागवत महापुराण की सु मधुर कथाएं भक्तों को जीने की कला सिखा रही हैं जिसके चलते आज व्यासपीठ से पंडित अंबिका प्रसाद शास्त्री ने बताया कि जब जब पृथ्वी में दुराचार पापा चार भ्रष्टाचार आदि चरम पर पहुंच जाता है गाय वह ब्राह्मणों पर घोर अत्याचार किए जाने लगते हैं तब प्रभु का इस धरती पर अवतरण होता है और इस पृथ्वी को भगवान अत्याचारों से मुक्ति प्रदान करते हैं वही ऐसा समय एक बार द्वापर युग में भी आया जब कंस के अत्याचारों से पृथ्वी कराह रही थी चारों ओर अत्याचार की आंधी आ गई थी तथा आम जनजीवन कराह रहा था तथा ब्राह्मणों का गायों तथा समाज के सज्जनों के ऊपर बर्बरता पूर्वक कार्यवाही की जा रही थी तब भगवान को धरती पर अवतार लेना पड़ा वही जैसा कि पूर्व से ही विदित था कि देवकी के आठवें पुत्र द्वारा कंस का वध होगा आकाशवाणी के सुनते ही कंस ने देवकी और वसुदेव दोनों को ही कारागार में डाल रखा था तथा पूर्व में उत्पन्न हुई सातों संतानों को मौत के घाट उतार दिया गया था उसे तो आठवीं संतान का इंतजार था जैसे ही वह उत्पन्न हो उसे भी मौत के घाट उतार कर एकछत्र राज्य करूं और उसे मारने वाला कोई ना हो लेकिन ईश्वर की गति को कौन जान सकता है उसके द्वारा कारागार में लगाए गए पहरेदारो को भी सुला कर भगवान ने जन्म लिया और रात में ही गोकुल जाकर वहां भी माता यशोदा को पूर्व में दिए गए वचन का पालन किया भगवान तो भक्त के बस में होते हैं भक्त जैसे नचाना चाहता है भगवान वैसे ही नाचते हैं भक्ति में जो शक्ति है वह किसी में नहीं भगवान को मन से स्मरण करते रहने से ही कल्याण होता है तथा भक्त और भगवान का रिश्ता अटूट होता है।