चीन की बड़ी मोबाइल कंपनी ने भारत की आतंरिक सुरक्षा से बड़ा खिलवाड़ किया, अब दर्ज हुई FIR
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के सूत्रधार चीन का फर्जीवाड़ा बढ़ता ही जा रहा है। अब उसकी एक बड़ी मोबाइल कंपनी ने भारत की आतंरिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है। इस प्रकरण में मोबाइल कंपनी के खिलाफ मेरठ में केस दर्ज किया गया है।
विश्व भर में मोबाइल फोन मार्केट के एक बड़े हिस्से में कब्जा रखने वाले चीन ने भारत में व्यापार मंदा होता देख फर्जी काम शुरू किया है। यह काम भारत की आंतरिक सुरक्षा के मानकों से खिलवाड़ के साथ बेहद खतरनाक भी है।
चीन की एक बड़ी मोबाइल कंपनी VIVO ने भारत में एक ही आईएमईआई (IMEI) नम्बर के हजारों मोबाइल फोन बाजार में उतारें हैं। केन्द्र शासित प्रदेशों और देश के 28 राज्यों में जगह-जगह एक ही आईएमईआई नंबर पर कई मोबाइल फोन सक्रिय होने के प्रमाण पुलिस जुटा चुकी है।
उत्तर प्रदेश में एक ही आईएमईआई नंबर पर सक्रिय मोबाइल फोन की संख्या सबसे ज्यादा है। यूपी में भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश ज्यादा संवेदनशील है।
पुलिस ने नेटवर्किंग कंपनियों व मोबाइल निर्माता वीवो को नोटिस जारी कर तमाम दस्तावेज तलब किए हैं।विश्व के हर मोबाइल फोन में आईएमईआई यानी इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी नम्बर होता है।
यह एक तरह से मोबाइल की पहचान है। कोई भी कंपनी एक मोबाइल को एक आईएमईआई देती है। इसको धत्ता बता चीन की मोबाइल कंपनी ने देशभर में प्रयोग में आ रहे करीब 13 हजार 500 से अधिक मोबाइल को एक आईएमईआई नम्बर के साथ उतारा है।
भारत में एक ही आईएमईआई नम्बर के 13 हजार से अधिक मोबाइल फोन का मामला सामने आने पर मेरठ के पुलिस विभाग में खलबली मच गई। गंभीर प्रकरण पर मेरठ में अब चीन की मोबाइल कंपनी वीवो के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
मेरठ जोन पुलिस की साइबर क्राइम सेल की जांच में यह बड़ा खुलासा हुआ है। चीन की वीवो कंपनी व उसके सर्विस सेंटर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर मेरठ की मेडिकल थाना पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से वीवो कंपनी की यह भारी चूक मानी जा रही है।
अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ के कार्यालय में तैनात सब इंस्पेक्टर आशाराम के पास वीवो कंपनी का मोबाइल है।