B’DAY SPL: जब कपिल से डर गए थे पाक बल्लेबाज, जानें क्या है वो पूरा किस्सा

भारत को पहला आईसीसी वर्ल्ड कप दिलाने वाले पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव आज यानि 6 जनवरी को अपना जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। कपिल देव की कप्तानी में भारत ने 1983 में वेस्टइंडीज को हराकर देश को पहला वर्ल्ड कप जीतने का गौरव दिलाया था। भारत के सबसे सफल ऑलराउंडर खिलाड़ी कपिल देव ने अपने 16 साल के करियर में 131 टेस्ट मैचों में 2.78 की इकोनॉमी से 434 विकेट लिए हैं। उन्होंने 131 टेस्ट मैचों में 31.05 की औसत से 5248 रन भी बनाए हैं।

6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़ में जन्में कपिल देव ने के नाम पर कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज हैं और क्रिकेट से जुड़े कई किस्से भी हैं। कपिल के रूप में टीम इंडिया को पहला ऐसा तेज गेंदबाज मिला था जिसने विरोधी बल्लेबाजों के मन में खौफ भरना शुरू किया था। कपिल देव भारत के ही नहीं, दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट मैचों में 5000 से ज्यादा रन बनाए और 400 से ज्यादा विकेट लिए।

16 अक्टूबर, 1978 के दिन टीम इंडिया को अपना पहला तेज गेंदबाज मिला था। कपिल देव इसी तारीख को पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद टेस्ट में अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज किया था। कपिल ने पहली गेंद फेंकी स्ट्राइक पर पाकिस्तानी सलामी बल्लेबाज माजिद खान थे। कपिल की गेंद माजिद खान के हेलमेट से टकराई और चार रन के लिए गई।

कपिल देव के बारे में उनके पूर्व जोड़ीदार बलविंदर सिंह संधू का कहना है कि 19 साल के कपिल उस समय 145 की रफ्तार से गेंदबाजी किया करते थे। लंबे समय तक वो भारत के इकलौते स्ट्राइक गेंदबाज रहे। साथ ही उन्हें लंबे स्पेल करने में महारत हासिल थी। फैसलाबाद टेस्ट में कपिल ने अपने टेस्ट करियर का पहला विकेट सादिक मोहम्मद के रूप में लिया, जिन्हें उन्होंने अपनी ट्रेडमार्क आउटस्विंग गेंद पर आउट किया था।

सादिक मोहम्मद और माजिद खान टेस्ट क्रिकेट के विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज थे। उस समय भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ हेलमेट पहनने का चलन नहीं था। इतिहासकार रामचंद्र गुहा फैसलाबाद टेस्ट के बारे में बताते हैं कि अपने दूसरे ओवर में कपिल की एक गेंद सादिक की टोपी से कुछ इंच दूर से निकली। कपिल की इस बॉल से सादिक घबरा गए। उन्होंने तुरंत ड्रेसिंग रूम में इशारा कर अपने लिए हेलमेट की मांग की।

1983 वर्ल्ड कप फाइनल में भारत के सामने वेस्टइंडीज की चुनौती थी। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 183 रन बनाए थे, ऐसे में किसी को उम्मीद नहीं थी कि भारत वर्ल्ड कप जीत पाएगा। विव रिचर्ड्स अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे और वेस्टइंडीज की ओर से बेस्ट स्कोरर भी रहे थे। रिचर्ड्स 33 रन पर खेल रहे थे और मदन लाल गेंदबाजी कर रहे थे, उन्होंने शॉट मारा सबको लगा गेंद बाउंड्री लाइन के बाहर जाएगी लेकिन कपिल देव ने पीछे की ओर भागकर शानदार कैच लिया था। ये वो विकेट था, जिसने भारत और वर्ल्ड कप की दूरी बहुत कम कर दी थी।

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