ई सिगरेट सेहत के लिए हानिकारक, जान लीजिये इससे होने वाले नुकसान


केन्द्र सरकार ने भारत में अभी तक कम प्रचलित ई-सिगरेट या इलेक्ट्रोनिक सिगरेट पर समय रहते प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। विदेशों खासकर अमेरिका में किए गए अध्य्यन से इससे स्वास्थ्य संबंधित नुकसान उजागर हुए हैं और पता चला है कि युवा ‘कूल’ बनने के आकर्षण में इस नई लत का शिकार हो रहे हैं। नया प्रतिबंध ई-हुक्का पर भी लागू होगा।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के लिए अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। अध्यादेश को राष्ट्रपति से अनुमति मिलने के बाद ई-सिगरेट उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, बिक्री, वितरण और विज्ञापन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जाएगा।
ई-सिगरेट के प्रभाव के अध्ययन और आगे की नीति तैयार करने के लिए सरकार की ओर से मंत्रिसमूह का गठन किया गया था, जिसकी अध्यक्षता केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी। सीतारमण ने सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए दिल्ली में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि अमेरिका में 30 लाख लोग ई-सिगरेट का सेवन करते हैं। युवा इसे ‘स्टाइल स्टेटमेंट’ या ‘कूल’ मानते हुए इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। जिसमें पिछले सालों में 9 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है। इसके उपयोग के बारे में कोई लम्बे समय का अध्ययन नहीं है, लेकिन कुछ रिपोर्टों के मुताबिक यह सेहत के लिए खासकर मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इससे निकलने वाला निकोटिन मिला धूआं आस-पास के लोगों को भी प्रभावित करता है।

बता दे ई-सिगरेट प्रोवाइडर कंपनियां जानबूझकर बबलगम, कैप्टन क्रंच और कॉटन कैंडी जैसे फ्लेवर का इस्तेमाल करके युवाओं को ई-सिगरेट की और लुभा रही हैं. दुनियाभर के स्मोकिंग लवर्स के बीच ई-सिगरेट काफी पॉपुलर है. खासतौर पर यूथ के बीच इसका क्रेज देखा जा सकता है।
क्या होती है ई-सिगरेट | What are e-cigarettes?
ई-सिगरेट एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक इनहेलर होता है, जिसमें निकोटिन और दूसरे लिक्विड केमिकल भरे जाते हैं। इस इनहेलर बैट्री होने से लिक्विड को भाप में बदल देता है. इससे पीने वाले को सिगरेट पीने जैसा अहसास होता है. ऐसे उपकरणों को ईएनडीएस कहा जाता है, जिनका इस्तेमाल किसी घोल को गर्म कर एरोसोल बनाने के लिए किया जाता है, जिसमें कई तरह के स्वाद होते हैं। ई-सिगरेट में जिस लिक्विड का इस्तेमाल किया जाता है, वह कई बार निकोटिन होता है. इसके अलावा कुछ ई-सिगरेट में फॉर्मलडिहाइड का इस्तेमाल किया जाता है, जो कैंसरकारी है ।
क्या है ई-सिगरेट के नुकसान | Health Risks of E-cigarettes
ई सिगरेट का सेवन करने से डिप्रेशन होने की संभावना दोगुनी हो जाती है. एक शोध के मुताबिक जो लोग ई सिगरेट का सेवन करते हैं, उन्हें हार्ट अटैक का खतरा 56 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। वहीं लंबे समय तक इसका सेवन करने से ब्लड क्लॉट की समस्या भी पैदा हो सकती है।
नियम तोड़ा तो होगा जुर्माना और सजा | Why did the govt ban E-cigarettes
अध्यादेश में हेल्थ मिनिस्ट्री ने पहली बार नियमों के उल्लंघन पर एक साल तक की जेल और एक लाख रुपये का जुर्माने का प्रस्ताव दिया है। एक से अधिक बार नियम तोड़ने पर मिनिस्ट्री ने पांच लाख रुपये जुर्माना और तीन साल तक जेल की सिफारिश की है।
न्यूयॉर्क में बैन हुई फ्लेवर्ड ई-सिगरेट : नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए न्यू यॉर्क सिटी में इस पर बैन लगा दिया गया है. मंगलवार को न्यू यॉर्क ई सिगरेट पर बैन लगाने वाला दूसरा स्टेट बना गया है। न्यू यॉर्क के डोमेस्टिक गवर्नर ने टीनेजर्स और यूथ के बीच इस सिगरेट से बढ़ रही फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। इसके बाद यहां ई-सिगरेट को पूरी तरह बैन कर दिया गया है।
कैसे छोड़े ई सिगरेट की लत : जब कभी आपको ई सिगरेट पीने की इच्छा होती है तो कुछ ऐसी चीजों का सेवन करें जो आपका ध्यान इससे हटा दें. इससे आपकी लत धीरे-धीरे कम होती चली जाएगी। जब ऐसा रोजाना करने लगोगे तो एक दिन आपकीयह लत हमेशा के लिए बंद हो जाएगी।
 
				 
					




