साल 2015 में खरीदे गए ₹1 लाख के Gold की वैल्यू आज कितनी? इतनी रफ्तार से बढ़ते गए रेट

पिछले दस सालों में भारत में सोने की कीमतों (Gold Price Today) में भारी उछाल आया है। 2015 में 26,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का सोना अब 1.39 लाख रुपये से ऊपर है, जो 431% की वृद्धि दर्शाता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2026 तक यह 1.50 लाख रुपये तक पहुंच सकता है। 1 लाख रुपये का निवेश अब 5.31 लाख रुपये हो गया होगा।
पिछले दस सालों में भारत में सोने की कीमतों (Gold Price Today) में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। 10 ग्राम सोने की कीमत, जो 2015 में 26,000 रुपये के आस-पास थी, अब 1.39 लाख रुपये से ऊपर ट्रेड कर रही है। इस कीमती धातु का भविष्य आगे और मजबूत दिख रहा है।
कई जानकारों का अनुमान है कि 2026 में सोना 1.50 लाख रुपये के करीब पहुँच सकता है। ऐसे में, अगर आपने 2015 में सोने में 50,000 रुपये या 1 लाख रुपये इन्वेस्ट किए होते, तो 2025 में उस इन्वेस्टमेंट की कीमत कितनी होती? आइए बताते हैं।
कितने बढ़े सोने के दाम?
MCX पर फरवरी 2026 एक्सपायरी वाले सोने की कीमत 26 दिसंबर को 1,39,940 रुपये पर पहुंच गई। जबकि 2015 में ये रेट 26,343.50 रुपये पर था। यानी सोने के दाम 10 सालों में करीब-करीब 431 फीसदी ऊपर चढ़े हैं।
1 लाख के कितने बन गए?
10 सालों में 431 फीसदी रिटर्न का मतलब है कि जिसने भी 10 साल पहले 1 लाख रुपये का गोल्ड खरीदा होगा, उसकी वैल्यू इस समय 5.31 लाख रुपये हो गयी होगी। वहीं 50 हजार रुपये का निवेश इस समय करीब 2.65 लाख रुपये से अधिक हो गया होगा।
साल 2025 रहा ऐतिहासिक
एनालिस्ट्स के अनुसार, साल 2025 सोने के लिए एक ऐतिहासिक साल साबित हुआ। इसने अब तक इस साल में 60% से ज्यादा का प्रॉफिट दिया है, जो 1979 के बाद से इसका सबसे अच्छा सालाना रिटर्न है।
अगले साल क्या हो सकता है?
सेंट्रल बैंक, खासकर US द्वारा अपने कर्ज को चुकाने के लिए बहुत ज्यादा पैसे छापने से हाइपरइन्फ्लेशन की स्थिति बन सकती है, जिससे करेंसी की वैल्यू कम हो सकती है। नतीजे में निवेशक अपने पैसे बुलियन, खासकर सोने में लगा सकते हैं।
दुनिया भर के कई सेंट्रल बैंक डी-डॉलराइजेशन कर रहे हैं, जिससे सोने की कीमतों को सपोर्ट मिला है। अगर अगले साल यह ट्रेंड और तेज होता है, तो सोना नए हाई लेवल पर पहुंचना जारी रख सकता है।
ETF की बढ़ती डिमांड कीमतों को रिकॉर्ड ऊंचाई पर ले जा रही है। अगर ETF में इनफ्लो मजबूत रहता है, तो सोने की कीमतें अगले साल भी ऊपर की ओर बढ़ती रहेंगी।
जानकारों का मानना है कि सोने के लिए फंडामेंटल बैकग्राउंड मजबूत है। मगर कुछ ऐसे कारण भी हैं जो धीरे-धीरे असर दिखा सकते हैं और सोने-चांदी की कीमतों में रुक-रुक कर गिरावट ला सकते हैं। लेकिन सोने की कीमत 10% से 12% की संभावित बढ़ोतरी के साथ 10 ग्राम के लिए 1,50,000 रुपये तक पहुंच सकती है।





