बजाज ग्रुप के जुड़वा शेयरों में बड़ी गिरावट

बजाज ग्रुप की दो बड़ी कंपनियों और महंगे शेयरों (Bajaj Group Twin Shares) के लिए आज मंगलवार का दिन बेहद अमंगलकारी रहा है। क्योंकि, बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व के स्टॉक 7 फीसदी तक गिर गए हैं। शेयरों में यह बड़ी गिरावट कंपनी की ओर से दिए गए गाइडेंस के बाद आई है। कंज्यूमर फाइनेंस सेक्टर की इस कंपनी ने वर्ष 2026 के लिए अपने विकास अनुमान में कटौती कर दी, हालांकि FY2026 की दूसरी तिमाही के नतीजे मोटे तौर पर बाजार अनुमानों के अनुरूप रहे। कंपनी के इस गाइडेंस के बाद बजाज फाइनेंस के शेयर 7 फीसदी तक गिरकर 1005 के स्तर पर पहुंच गए, जबकि बजाज फिनसर्व के स्टॉक भी 7 प्रतिशत तक टूटकर 1969 रुपये तक आ गए।

जुलाई-सितंबर तिमाही में इस प्रमुख एनबीएफसी कंपनी के प्रदर्शन में अहम पैमानों पर वृद्धि देखी गई, लेकिन एसेट क्वालिटी में गिरावट आई है। वहीं, मार्केट एनालिस्ट को कंपनी की ओर से कम ग्रोथ के अनुमान को लेकर निकट भविष्य में अस्थिरता की आशंका है। हालांकि, ज्यादातर ब्रोकरेज फर्म इन शेयरों को लेकर आशावादी हैं।

कैसे रहे कंपनी के नतीजे?
बजाज फाइनेंस ने 10 नवंबर को जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे पेश किए। Q2 में कंपनी के कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में साल-दर-साल 22 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली, जो 4,875 करोड़ रुपये रही। नेटइंटरेस्ट इनकम 22 प्रतिशत बढ़कर 10,785 करोड़ रुपये हो गई, जबकि एसेट अंडर मैनेजमेंट साल-दर-साल 24 प्रतिशत बढ़कर 4.62 लाख करोड़ रुपये हो गईं। इस तिमाही के दौरान 41 लाख नए ग्राहकों के जुड़ने के साथ, कंपनी का कंज्यूमर बेस भी बढ़कर 11.06 करोड़ हो गया।

ब्रोकरेज बजाज फाइनेंस पर अब भी बुलिश
कंपनी की ओर से कम एयूएम ग्रोथ गाइडेंस के बावजूद, अधिकांश ब्रोकरेज फर्म ने बजाज फाइनेंस की दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद शेयरों पर पॉजिटिव रुख बरकरार रखा हुआ है।

मॉर्गन स्टेनली ने बजाज फाइनेंस के शेयरों पर ₹1,195 के टारगेट प्राइस के साथ ओवरवेट रेटिंग दी है। इसने कहा कि वित्त वर्ष 26 के लिए कम एयूएम ग्रोथ गाइडेंस और स्थिर एनआईएम निवेशकों को निराश कर सकते हैं।

HSBC ने बजाज फाइनेंस के शेयरों पर बाय रेटिंग देते हुए टारगेट प्राइस को बढ़ाकर ₹1,200 कर दिया है। उसने कहा है कि दूसरी तिमाही का ईपीएस अनुमानों के अनुरूप है।

जेफ़रीज़ ने ₹1,270 के टारगेट प्राइस के साथ बाय रेटिंग दी और कहा कि कंपनी का प्रॉफिट साल-दर-साल 23 प्रतिशत बढ़ा, जो अनुमान से थोड़ा ज़्यादा है। एयूएम में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई और त्योहारी सीज़न का प्रदर्शन मज़बूत रहा।

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