स्वदेशी के आह्वान के बीच वित्त विभाग ने विदेशी कंपनी को बनाया कंसलटेंट

देश में स्वदेशी की चर्चा जोरों पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक सभी नेता लोगों को स्वदेशी अपनाने का आह्वान कर रहे हैं, लेकिन इसके उलट प्रदेश के वित्त विभाग ने एक विदेशी कंपनी केपीएमजी को कंसलटेंट नियुक्त कर दिया है। इस निर्णय से राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच चर्चा तेज हो गई है। केपीएमजी एक वैश्विक कंपनी है, जिसके दफ्तर लंदन, न्यूयॉर्क और गुरुग्राम सहित कई शहरों में हैं। अब तक प्रदेश के विभिन्न विभाग समय-समय पर निजी कंपनियों से सलाह लेते रहे हैं, लेकिन यह पहला अवसर है जब वित्त विभाग ने सरकार से बाहर की किसी विदेशी कंपनी को सीधे तौर पर परामर्श का जिम्मा सौंपा है। वित्त विभाग के निदेशक ने आदेश जारी कर अधिकारियों से कहा है कि वे कंपनी को बजट मैनुअल, ऋण प्रबंधन प्रक्रिया और अन्य वित्तीय दस्तावेज उपलब्ध कराएं। जबकि बजट को सरकार का सबसे गोपनीय दस्तावेज माना जाता है।

इस कदम से यह आशंका जताई जा रही है कि संवेदनशील जानकारी निजी हाथों में जा सकती है। अब वित्त विभाग के जानकारों का कहना है कि जब देश में ही अनेक वित्तीय विशेषज्ञ मौजूद हैं तो विदेशी कंपनी को नियुक्त करने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि निजी परामर्शदाता की सेवाएं लेना यह संदेश देता है कि हमारे पास योग्य विशेषज्ञ नहीं हैं। साथ ही, यह कदम वित्त विभाग की गोपनीयता पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। राघवजी ने सरकार को ऐसे निर्णयों से बचने की नसीहत दी।

पीएमयू का भी किया गठन
इसी क्रम में वित्त विभाग ने अपनी कार्यप्रणाली को मजबूत करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) का गठन भी किया है। इसके तहत दो कार्यदल बनाए गए हैं। एक बजट मैनुअल के लिए पांच सदस्यीय और दूसरा ऋण प्रबंधन के लिए छह सदस्यीय कार्यदल की जिम्मेदारी अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारियों को सौंपी गई है।

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