मारबत उत्सव में अमेरिकी टैरिफ का किया गया विरोध, लोगों ने निकाली ट्रंप के पुतले की परेड

नागपुर में हजारों लोग धार्मिक उत्साह और उमंग के साथ मारबत उत्सव मनाने के लिए सड़कों पर उमड़े। इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सदियों पुराने मारबत उत्सव का मुख्य आकर्षण बने। इस दौरान अमेरिकी टैरिफ का विरोध किया गया।
रूस से तेल खरीदने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने का देश में विरोध हो रहा है। लोग अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। रविवार को नागपुर में धार्मिक मारबत उत्सव में लोगों ने ट्रंप के पुतले की परेड निकाली।
नागपुर में हजारों लोग धार्मिक उत्साह और उमंग के साथ मारबत उत्सव मनाने के लिए सड़कों पर उमड़े। इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सदियों पुराने मारबत उत्सव का मुख्य आकर्षण बने। ट्रंप के पुतलों पर लटकी तख्तियों पर टैरिफ से जुड़े कई संदेश लिखे थे। इसमें लिखा था कि टैरिफ लगाकर हमें जो डराएं, भारत की ताकत उसे रुलाए (जो लोग हमें टैरिफ से डराने की कोशिश करते हैं, भारत की ताकत उन्हें रुलाएगी)।
एक और संदेश में लिखा था कि “भारत से बोले तुम हो मेरे यार, पीछे से करता पाकिस्तान से प्यार (आप भारत से कहते हैं, ‘तुम मेरे दोस्त हो,’ लेकिन मन ही मन पाकिस्तान से प्यार करते हो), जो हमारे माल पर लगी दीवार, उसका कारोबार हो जाएगा बेकार (जो हमारे सामान पर दीवारें खड़ी करते हैं, उनका कारोबार बर्बाद हो जाता है)
सदियों पुराना मारबत उत्सव हर साल भाद्रपद माह में अनूठी सांस्कृतिक परंपरा के साथ नागपुर में मनाया जाता है। अपनी जीवंत परेड और तीखी सामाजिक टिप्पणियों के लिए प्रसिद्ध यह उत्सव नागपुर की सड़कों पर हजारों लोगों को आकर्षित करता है। इसका मुख्य आकर्षण मारबत के रूप में जाने जाने वाले विशाल पुतलों का जुलूस होता है।
जुलूस में राक्षसों और नकारात्मक गुणों के प्रतीक, छोटे पुतले, जिन्हें बदग्या कहा जाता है, भी चलते हैं। नारों, संगीत और पारंपरिक मंत्रोच्चार के बीच यह परेड शहर भर में घूमती है और पुतलों के दहन के साथ समाप्त होती है, जो बुराई के अंत और अच्छाई की जीत का प्रतीक है। स्थानीय परंपरा के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि जब इन मूर्तियों को सड़कों पर घुमाया जाता है, तो ये नकारात्मकता और सामाजिक बुराइयों को अपने अंदर समाहित कर लेती हैं। आयोजक अक्सर इस उत्सव के माध्यम से विभिन्न सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों को उठाते हैं।