म्यांमार से घुसपैठ को लेकर बीरेन सिंह ने जताई चिंता

मणिपुर में मई 2023 से शुरू हुई मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।

मणिपुर के पूर्व सीएम एन बीरेन सिंह ने पूर्वोत्तर के राज्यों खास तौर पर म्यांमार में हो रही घुसपैठ पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि म्यांमार में बाहरियों को आना हकीकत है और यह लगातार जारी है। उनका यह बयान असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा की टिप्पणी के बाद आया है।

विकास लखेड़ा ने मणिपुर विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में बोलते हुए बुधवार को बताया था कि 31 दिसंबर 2024 से अब तक लगभग 42,000 लोग भारत में घुसे हैं, जिनका बायोमेट्रिक रिकॉर्ड लिया गया है और संबंधित एजेंसियों के साथ साझा किया गया है। अपने संबोधन में लखेड़ा ने यह भी बताया कि भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स की 20 से अधिक बटालियन तैनात हैं और स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की।

बीरेन सिंह ने की असम राइफल्स की तारीफ
इस दौरान बीरेन सिंह ने असम राइफल्स की तारीफ भी की। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि पूर्वोत्तर के राज्यों में हो रही घुसपैठ से पूर्वोत्तर अंजान नहीं है और न ही कोई लापरवाही बरती जा रही है। हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह अच्छी और भरोसा देने वाली खबर है कि घुसपैठियों को कड़ी निगरानी में सुरक्षित स्थानों पर रखा जा रहा है।

गौरतलब है कि असम राइफल्स ने हाल ही में अवैध रूप से भारत आने वालों का बायोमेट्रिक डेटा एकत्र करना शुरू किया है।

मणिपुर में सात उग्रवादी गिरफ्तार
इस बीच, सुरक्षा बलों ने मणिपुर में विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े सात उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि ये लोग राज्य के तीन जिलों में वसूली और आपराधिक गतिविधियों में शामिल थे। गौरतलब है कि सुरक्षा बल पिछले दो वर्षों से मणिपुर में छापेमारी अभियान चला रहे हैं। मई 2023 से शुरू हुई मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।

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