टैरिफ पर अमेरिका पर पलटवार के लिए ‘यूरेशिया’ बनेगा ब्रम्हास्त्र; भारत-ईएईयू के बीच एफटीए पर मंथन

रूसी नेतृत्व वाले यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ एफटीए को लेकर वार्ता शुरू करने के कई महत्वपूर्ण मायने हैं। सबसे अहम तो यह है कि अमेरिका से टैरिफ पर तनाव के बीच भारत अपने निर्यात बाजारों में विविधता लाने की कोशिश कर रहा है।

टैरिफ के मुद्दे पर अमेरिका से तनाव के बीच भारत का दोस्त रूस एक बार फिर आगे आया है। दरअसल, भारत और रूसी नेतृत्व वाले यूरेशियन आर्थिक संघ (EAEU) के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर वार्ता शुरू हो गई है। इस बाबत बुधवार को दोनों पक्षों ने टर्म्स ऑफ़ रेफरेंस पर हस्ताक्षर भी किए। यह समझौता भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के मॉस्को दौरे के दौरान भारत के वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव अजय भाडू और ईएईयू की व्यापार नीति विभाग के उप निदेशक मिखाइल चेरेकैव के बीच हुआ।

इस मौके पर दोनों पक्षों ने वार्ता की औपचारिक शुरुआत की रूपरेखा और भविष्य की संगठनात्मक व्यवस्थाओं पर चर्चा की। ईएईयू के व्यापार प्रभारी मंत्री आंद्रेई स्लेपनेव से मुलाकात के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि यह समझौता भारत और यूरेशियन देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को नई ऊंचाई देगा।

यूरेशियन आर्थिक संघ में कौन कौन देश?
बता दें कि यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन यूरेशिया में स्थित पांच सोवियत-सोवियत राज्यों का एक आर्थिक संघ है। इसके सदस्य राष्ट्र रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान हैं। रूसी नेतृत्व वाले यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ एफटीए को लेकर वार्ता शुरू करने के कई महत्वपूर्ण मायने हैं। सबसे अहम तो यह है कि अमेरिका से टैरिफ पर तनाव के बीच भारत अपने निर्यात बाजारों में विविधता लाने की कोशिश कर रहा है।

2024 में 69 अरब डॉलर का हुआ व्यापार
भारत और ईएईयू के बीच 2024 में 69 अरब डॉलर का व्यापार हुआ, जो 2023 की तुलना में 7% अधिक है। लगभग 6.5 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी वाले इस समूह के साथ एफटीए से भारत को नए बाज़ारों तक पहुंच, निर्यात वृद्धि, एमएसएमई को सहारा और निवेश बढ़ाने की उम्मीद है।

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