CM सिद्धारमैया का केंद्र पर बड़ा आरोप, कहा- संसाधनों के वितरण में कर्नाटक के साथ किया जा रहा भेदभाव

स्वतंत्रता दिवस समारोह में सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई और अन्य सांविधानिक निकाय संविधान में निहित लोकतंत्र और सहकारी संघवाद के सच्चे मूल्यों को बनाए रखने के लिए काम नहीं कर रहे हैं। प्रत्येक जिम्मेदार नागरिक को इस संबंध में आवाज उठानी चाहिए।

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संसाधनों के वितरण में कर्नाटक के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई और अन्य सांविधानिक निकाय संविधान में निहित लोकतंत्र और सहकारी संघवाद के सच्चे मूल्यों को बनाए रखने के लिए काम नहीं कर रहे हैं। प्रत्येक जिम्मेदार नागरिक को इस संबंध में आवाज उठानी चाहिए।

स्वतंत्रता दिवस समारोह में सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि हमारी सरकार ने अपना स्वयं का विकास मॉडल बनाया है। इसे व्यापक रूप से कर्नाटक विकास मॉडल के रूप में जाना जाता है और इसकी गारंटी योजनाओं को वैश्विक मान्यता मिली है। 12वीं शताब्दी के बसवादी शरणों का दृढ़ विश्वास था कि व्यक्ति को अपने वचन पर चलना चाहिए। इसी सिद्धांत से प्रेरित होकर हमारी सरकार ने अपना विकास मॉडल तैयार किया है, जिसे अब कर्नाटक विकास मॉडल के रूप में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष फिलेमोन यांग ने भी कर्नाटक का दौरा किया और हमारी गारंटी योजनाओं की खुले दिल से प्रशंसा की, जिससे उन्हें वैश्विक मान्यता मिली।

सिद्धारमैया ने कहा कि प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों के सर्वेक्षणों से यह कटु सत्य उजागर हुआ है कि हमारी आबादी के सबसे धनी 10 प्रतिशत लोगों के पास देश की 80 प्रतिशत संपत्ति है, फिर भी वे एकत्रित जीएसटी में केवल 3 प्रतिशत का योगदान करते हैं, जबकि शेष 90 प्रतिशत आम लोग, जो भोजन और कपड़े के लिए रोजाना काम करते हैं, लगभग 97 प्रतिशत जीएसटी भुगतान का वहन करते हैं। ऐसी परिस्थितियों में कोई भी अर्थव्यवस्था कैसे टिक सकती है? हम अपने संविधान की भावना को कैसे पूरा कर सकते हैं? हम इस बढ़ती असमानता को कैसे कम कर सकते हैं? ये प्रश्न हमें बहुत परेशान करते हैं। इन्हीं प्रश्नों के उत्तर खोजने के उद्देश्य से हमने गारंटी योजनाएं और अन्य कल्याणकारी कार्यक्रम शुरू किए हैं।

सीएम ने कहा कि मई 2023 में पदभार संभालने के तुरंत बाद हमने अन्न भाग्य, शक्ति, गृह लक्ष्मी, गृह ज्योति और युवा निधि के रूप में योजनाओं को लागू करना शुरू कर दिया। अब तक हमने इनके क्रियान्वयन के लिए 96,000 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए हैं। हाल ही में हमने शक्ति योजना में एक मील का पत्थर स्थापित किया है, जिसमें महिलाओं ने सरकारी बसों का उपयोग करके 500 करोड़ मुफ्त यात्राएं की हैं।

उन्होंने कहा कि बिचौलियों के शोषण से मुक्त और सीधे लोगों तक पहुंचाई गई इन योजनाओं ने न केवल प्रति व्यक्ति आय बढ़ाई है। कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी में 23 प्रतिशत बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए शक्ति योजना के कार्यान्वयन के साथ-साथ परिवहन विभाग द्वारा विभिन्न मॉडलों की 5,049 नई बसें शामिल की गई हैं। साथ ही 8,473 कार्मिकों की भर्ती की गई है, जिससे राज्य भर में सेवा क्षमता और पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

101 फीसदी बढ़ी प्रति व्यक्ति आय
सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक अब प्रति व्यक्ति आय में देश में पहले स्थान पर है। पिछले एक दशक में राज्य ने इसमें 101 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है। जो 2013-14 में स्थिर मूल्यों पर 1,01,858 रुपये से बढ़कर 2024-25 में 2,04,605 रुपये हो गई है। हमारी सरकार गारंटी योजनाओं, सब्सिडी, प्रोत्साहन, छात्रवृत्ति, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों सहित कल्याणकारी उपायों पर 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की जीवन स्थितियों को सही मायने में समझने के लिए सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग के माध्यम से पिछड़े वर्गों का सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया है। केवल सटीक आंकड़े ही जीवन में बदलाव लाने वाली नीतियों और भविष्य की योजनाओं को आकार दे सकते हैं, जो विशेष प्रतिनिधित्व और लक्षित न्याय प्रदान कर सकती हैं। इसकी अनदेखी करना हमारे संविधान और स्वतंत्रता संग्राम दोनों के साथ विश्वासघात होगा। इसलिए हमारी सरकार अनुसूचित जातियों के भीतर आंतरिक आरक्षण और पिछड़े वर्गों का सामाजिक-शैक्षणिक सर्वेक्षण कराने के प्रति गंभीर है।

सिद्धारमैया ने कहा कि राष्ट्र हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष में शहीद हुए लोगों को सदैव ऋणी भाव से याद रखेगा। हम उनके अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान के प्रति विनम्र सम्मान में अपना सिर झुकाते हैं।

कर्नाटक नवाचार की राजधानी बनने की ओर अग्रसर
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक पहले से ही भारत की आईटी राजधानी है और अब यह दुनिया की नवाचार की राजधानी बनने की ओर अग्रसर है। एफडीआई में कर्नाटक राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान पर है तथा देश के अग्रणी औद्योगिक राज्यों में से एक है। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार औद्योगिक विकास को प्राथमिकता देने में कभी पीछे नहीं रही है। राज्य के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्रों को विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ वैश्विक विनिर्माण केंद्रों के रूप में प्रबंधित और विकसित करने के लिए, 44,166 एकड़ में फैले 18 औद्योगिक क्षेत्रों को विशेष निवेश क्षेत्र घोषित किया गया है।

सिद्धारमैया ने कहा कि इसके साथ ही हम छोटे उद्योगों को प्रोत्साहित करना जारी रखेंगे। निवेशकों ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश में रुचि दिखाई है। इसमें से 48 प्रतिशत का निपटान सिंगल विंडो आईटी प्लेटफॉर्म के तहत पहले ही हो चुका है। कर्नाटक देश के अग्रणी औद्योगिक राज्यों में से एक है, जहां विनिर्माण क्षेत्र राज्य के जीएसडीपी में 23.6 प्रतिशत का योगदान देता है तथा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने में राज्य राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का विकास करके और इस क्षेत्र में उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक नई पर्यटन नीति लागू की गई है।

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