क्या भारतीय टीम आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म कर पाएगी?

भारतीय टीम का हाल में प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है। उसने इंग्लैंड दौरे में टी20 और वनडे सीरीज जीती थी। वह 30 सितंबर से शुरू होने वाले विश्व कप से पहले 14 सितंबर से खिताब की प्रबल दावेदार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे मैच की घरेलू सीरीज खेलेगी।
भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने सोमवार को कहा कि उनकी टीम मिथक तोड़कर अगले महीने शुरू हो रहे महिला वनडे विश्व कप में आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय महिला क्रिकेट टीम अभी तक कोई विश्व खिताब नहीं जीत पाई है हालांकि कुछ अवसरों पर वह इसके करीब पहुंची थी। इसमें 2017 में इंग्लैंड में खेला गया वनडे विश्व कप भी शामिल है जिसमें भारत उपविजेता रहा था।
हरमनप्रीत ने वनडे विश्व कप ट्रॉफी के अनावरण समारोह में कहा, ‘हम उस मिथक को तोड़ना चाहते हैं जिसका सभी भारतीय इंतजार कर रहे हैं। विश्व कप हमेशा खास होता है। मैं हमेशा अपने देश के लिए कुछ खास करना चाहती हूं। जब भी मैं युवी भैया (युवराज सिंह) को देखती हूं तो मुझे काफी प्रेरणा मिलती है।’ इस अवसर पर पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह और हरमनप्रीत की टीम के साथी भी उपस्थित थे।
भारतीय टीम का हाल में प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है। उसने इंग्लैंड दौरे में टी20 और वनडे सीरीज जीती थी। वह 30 सितंबर से शुरू होने वाले विश्व कप से पहले 14 सितंबर से खिताब की प्रबल दावेदार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे मैच की घरेलू सीरीज खेलेगी और हरमनप्रीत ने कहा कि इससे उनकी टीम को खुद को परखने का मौका मिलेगा।
हरमनप्रीत ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है और हमें इससे अपनी स्थिति का पता चलता है। यह सीरीज (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे) हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ेगा। हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं जिसके परिणाम सामने आ रहे हैं।’ हरमनप्रीत ने 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में 171 रन की जोरदार पारी खेल कर अपनी टीम को जीत दिलाई थी। उस पारी की यादें अब भी उनके जेहन में ताजा हैं।
उन्होंने कहा, ‘वह पारी मेरे और महिला क्रिकेट के लिए वाकई बहुत खास थी। उस पारी के बाद मेरे लिए बहुत कुछ बदल गया। हम भले ही फाइनल में हार गए थे लेकिन जब हम वापस लौटे तो बहुत सारे लोग हमारा इंतज़ार कर रहे थे और हमारा उत्साह बढ़ा रहे थे। मैं उसे याद करके आज भी रोमांचित हो जाती हूं।’