दिल्ली: वायु प्रदूषण पर प्रहार, सेंट्रल वर्ज और सड़क किनारे इलेक्ट्रिक पोल पर लगेंगे वाटर स्प्रिंकलर

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने राजधानी के प्रदूषण वाले क्षेत्रों में सड़कों के सेंट्रल वर्ज और सड़क किनारे इलेक्ट्रिक पोल्स पर मिस्ट, वाटर स्प्रिंकलर और एंटी स्मॉग गन लगाने के निर्देश दिए हैं।

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने राजधानी के प्रदूषण वाले क्षेत्रों में सड़कों के सेंट्रल वर्ज और सड़क किनारे इलेक्ट्रिक पोल्स पर मिस्ट, वाटर स्प्रिंकलर और एंटी स्मॉग गन लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए पर्यावरण विभाग की ओर से पीडब्ल्यूडी, सीपीडब्ल्यूडी, डीडीए, एमसीडी, एनडीएमसी, एनएचएआई और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग को निर्देश जारी किए गए हैं।

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि डीडीए और एनडीएमसी ने कुछ क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक पोल्स पर मिस्ट स्प्रे सिस्टम को पायलट परियोजना के रूप में लगाया था। इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले। अब इसी तर्ज पर 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट स्थलों पर बड़े स्तर पर मिस्ट स्प्रे सिस्टम को लगाया जाएगा।

सड़क के बीच लगे इलेक्ट्रिक पोल इसके लिए उपयुक्त स्थान हैं, जहां आसानी से मिस्ट स्प्रे सिस्टम लगाया जा सकता है। यह कदम मुख्य रूप से सड़क की धूल को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है। इस आदेश के जरिये सभी संबंधित विभागों की सीधी जिम्मेदारी तय की गई है।

ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान का हिस्सा
दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए यह कार्ययोजना दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा िचह्नित प्रदूषण वाले क्षेत्रों के आधार पर तैयार की गई है। यह ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) का हिस्सा है। पर्यावरण विभाग ने प्रभावी धूल नियंत्रण के लिए विशेष तकनीकी मानदंड भी निर्धारित किए हैं, जिसमें 50–100 माइक्रोन आकार की पानी की बारीक फुहार छोड़ने वाले उपकरण लगाए जाएंगे। ज्यादा ट्रैफिक वाली सड़कों और निर्माण क्षेत्रों पर मैकेनिकल स्वीपिंग और जेटिंग सिस्टम से नियमित सफाई भी की जाएगी।

सभी विभागों में प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी नियुक्त होंगे : पर्यावरण मंत्री ने कहा कि आदेश को लागू कराने के लिए सभी विभागों में प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं। ये अधिकारी रोजाना कार्यों की निगरानी, अनुपालन और रिपोर्टिंग के लिए जिम्मेदार होंगे। विभाग औचक निरीक्षण भी करेगा।

यह हैं मिस्ट स्प्रे प्रणाली की विशेषताएं
न्यूनतम 2000 एलपीएच क्षमता, पानी का टीडीएस 50 पीपीएम।
मल्टीमीडिया और एक्टिवेटेड कार्बन फिल्टर से गंदगी हटाएगी।
यूपी स्टेरिलाइजेशन तकनीक से लैस।
स्वचालित कंट्रोल पैनल, प्रेशर गेज, फ्लो मीटर और सुरक्षा स्विच के साथ।
स्टेनलेस स्टील फ्रेम से बना, टिकाऊ और जंगरोधी।
बिजली की कम खपत के साथ रखरखाव आसान।

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