छह साल बाद भी दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान को नहीं मिला स्थायी MS

दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान को बीते छह साल बाद भी स्थायी एमएस नहीं मिला है। कैंसर के लिए दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा संस्थान है। जहां रोजाना सैकड़ों मरीज आते हैं। वहीं सुविधाएं धीरे-धीरे ठप हो रही हैं।

दिल्ली सरकार के सबसे बड़े कैंसर अस्पताल दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान (डीएससीआई) को छह साल बाद भी स्थायी चिकित्सा अधीक्षक व चिकित्सा निदेशक (एमएस/एसडी) का इंतजार है। बीते दिनों दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग ने लंबे समय के बाद दिल्ली सरकार के 28 अस्पतालों के लिए स्थायी एमएस/एसडी की नियुक्ति के आदेश दिए। इस आदेश से डीएससीआई अछूता रहा। संस्थान में स्थायी एमएस/एसडी के अभाव में संस्थान की सुविधाएं धीरे-धीरे चरमरा रही हैं।

विशेषज्ञों की माने तो कैंसर के मरीजों को आधुनिक उपचार की सुविधाएं देने के लिए दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान को विकसित किया गया। मौजूदा समय में इसके दो कैंपस हैं। पूर्वी दिल्ली में सबसे बड़ा कैंपस है। वहीं पश्चिमी दिल्ली में इस संस्थान का विस्तार कैंपस है। हालांकि दोनों कैंपस में सुविधाएं धीरे-धीरे बंद होती जा रही हैं। इसका खामियाजा कैंसर मरीजों को उठाना पड़ रहा है। दोनों कैंपस में रोजाना सैकड़ों मरीज आते हैं। अस्पताल प्रशासन के रिकार्ड के अनुसार साल 2019 तक डॉ. आर के ग्रोवर संस्थान के स्थायी एमएस/एसडी थे।

जनवरी 2019 में उनका तबादला हो गया था। उसके बाद डॉक्टर बीएल शेरवाल, डॉक्टर किशोर और उनके बाद डॉ. वत्सला अग्रवाल को अतिरिक्त एमएस/एसडी की जिम्मेदारी सौंपी गई। वहीं सोमवार को अत्तर सैन जैन आई एंड जनरल अस्पताल के एमएस डॉ. दिवाकर ने दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान के अतिरिक्त एमएस/एसडी की जिम्मेदारी संभाली।

ठप हो सकती है रेडियोथैरेपी की सुविधा
दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान में कभी भी रेडियोथैरेपी की सुविधा ठप हो सकती है। पूर्वी दिल्ली में रेडियोथैरेपी की सुविधा के लिए कुल तीन मशीनें हैं। इन मशीन पर रोजाना करीब 200 से अधिक मरीज को सुविधा दी जा सकती है, लेकिन इनमें से दो मशीन पहले से खराब हैं। वहीं, तीसरी मशीन भी काफी पुरानी हो गई है। यह कभी भी बंद हो सकती हैं।

हालांकि इसी मशीन की मदद से रोजाना 70 मरीजों को रेडियोथैरेपी की सुविधा दी जा रही है। वहीं पश्चिमी दिल्ली स्थिति संस्थान के कैंपस में मरीजों के लिए रेडियोथैरेपी की सुविधा नहीं है। मरीजों को इसके लिए पूर्वी दिल्ली के कैंपस में आना पड़ता है। प्रशासन का कहना है कि पश्चिमी दिल्ली कैंपस में सुविधाओं को बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसमें मरीजों को ब्लड टेस्ट व ओपीडी की सुविधा मिल जाती है। सर्जरी की सुविधाओं के विस्तार के लिए नई मशीन आनी है। साथ ही सुविधाओं में सुधार होगा।

दिल्ली के अलावा यूपी से आते हैं मरीज
संस्थान में दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश से प्रति दिन काफी मरीज आते हैं। एम्स के बाद मरीज इस अस्पताल को प्राथमिकता देते हैं। इस संस्थान के अलावा सफदरजंग, लेडी हार्डिंग सहित अन्य अस्पताल में कैंसर के इलाज की सुविधा मिलती है।

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