उत्तराखंड में मार्च में मई-जून जैसी तपिश के आसार, मौसम विभाग ने बताई वजह

मौसम के तीखे तेवर से इस वर्ष जनवरी सामान्य से अधिक गर्म रही। फरवरी में भी राहत नहीं मिली। मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि मार्च का महीना भी उम्मीद से अधिक गर्म रहेगा। इस दौरान लोगों को मई-जून जैसी गर्मी झेलनी पड़ सकती है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, लंबे समय से बारिश न होना और तापमान में एकाएक वृद्धि की वजह से ऐसा अनुमान जताया जा रहा है। ठंड के मौसम में पश्चिमी विक्षोभ बेअसर रहने से पूरे उत्तर भारत में अच्छी बारिश नहीं हुई। इसके चलते मौसम गर्म है। इसका असर आने वाले दिनों में दिखेगा। कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के मौसम विशेषज्ञ डॉ. आरके सिंह का कहना है कि इस बार सर्दियों में तीन पश्चिमी विक्षोभ आए, तीनों ही बेअसर रहे। आखिरी पश्चिमी विक्षोभ का असर भी एक-दो दिन में समाप्त हो जाएगा।
फरवरी अंत में 28 डिग्री तक पहुंचेगा पारा 20 फरवरी के बाद तापमान में तेजी से बढ़ोतरी होने का पूर्वानुमान है। इस दौरान बारिश होने की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में मौसम यह संकेत दे रहा है कि मार्च महीने में गर्मी कई रिकॉर्ड तोड़ सकती है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक फरवरी में 27-28 डिग्री तक चल रहा पारा मार्च महीने में 38-40 डिग्री तक पहुंच सकता है।
तीन वर्ष का रिकॉर्ड टूट सकता है उत्तर प्रदेश के जिलों में 20 फरवरी के बाद से तापमान में वृद्धि संभव है। कानपुर में बुधवार को दिन का पारा 28.2 और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री रहा। दोनों ही सामान्य से अधिक हैं। मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि इस बार पिछले तीन साल का रिकॉर्ड टूटने की संभावना है। मौसम को लेकर जारी चेतावनी में कहा गया है कि फरवरी के आखिरी हफ्ते या मार्च की शुरुआत में तापमान इतना बढ़ चुका होगा कि लोग बेचैन होने लगेंगे। फरवरी में बारिश भी सामान्य से 20 प्रतिशत कम रही है। बारिश की कमी से हवा में नमी तेजी से घटेगी और तापमान में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।