कुंभ संक्रांति पर इस विधि से करें पूजा, जाने शुभ मुहूर्त

कुंभ संक्रांति हिंदुओं के सबसे प्रमुख पर्वों में से एक है। इसका बहुत बड़ा धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है। इस शुभ दिन पर लोग भगवान सूर्य की आराधना करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस तिथि पर सूर्य मकर राशि से कुंभ राशि में गोचर करते हैं। बता दें, एक साल में करीब बारह संक्रांतियां होती हैं और यह हर महीने होती हैं, जब भी सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाते हैं, तो उसे संक्रांति के रूप में मनाया जाता है।
इस बार यह 12 फरवरी को मनाई जाएगी, तो आइए इस दिन (Kumbh Sankranti 2025) से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।
कुंभ संक्रांति पूजा विधि
- इस दिन भक्त सुबह जल्दी उठें और पवित्र नदियों में स्नान करने जाएं।
- जो लोग गंगा नदी में स्नान करने में असमर्थ हैं, वे घर पर ही स्नान के जल में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं।
- भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और उनके मंत्रों का जाप करें।
- इस दिन धार्मिक कार्य जैसे – मंत्र जाप, पवित्र पुस्तकों व ग्रंथों का पाठ और यज्ञ करें।
- इस दिन दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है, इसलिए इस प्रकार के कार्यों में अवश्य शामिल हों।
- इस दिन तामसिक चीजों से परहेज करें।
- इस तिथि पर सात्विकता का पालन करें।
- इस दिन अपने पितरों और बड़ों का आशीर्वाद लें।
कुंभ संक्रांति शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल 12 फरवरी को कुंभ संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस पावन दिन पर पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 09 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही महा पुण्य काल शाम 04 बजकर 18 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 09 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में गंगा स्नान, दान-पुण्य या अन्य पूजा अनुष्ठान किए जा सकते हैं।
कुंभ संक्रांति पूजा मंत्र
- ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।।
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर।।