जानिए कब है शब-ए-बारात, कैसे मनाया जाता है ये दिन…

हर साल इस्लामिक कैलेंडर के आठवें महीने में शब-ए-बारात का पर्व मनाया जाता है। इस दिन लोगों में बेहद खास उत्साह देखने को मिलता है। शब-ए-बारात की रात को इबादत करने से पूरी होती है। मस्जिदों में विशेष तैयारी की जाती है। शब-ए-बारात (Shab-e-Barat 2025) की रात को मस्जिदों में बेहद खास नजारा देखने को मिलता है। इस बार लोग शब-ए-बारात की डेट को लेकर अधिक कन्फ्यूज हो रहे है, तो ऐसे में चलिए जानते हैं कि शब-ए-बारात की सही तारीख और इस पर्व से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में।

कब है शब-ए-बारात?

इस्लामिक कैलेंडर का 8वां महीना शाबान होता है। इस महीने की 14वीं और 15वीं रात को शब-ए-बारात का पर्व मनाया जाता है। इस बार शब-ए-बारात की रात (Kab Hai Shab-e-Barat 2025) 13 फरवरी से 14 फरवरी तक रहेगी। इस बार 13 फरवरी शब-ए-बारात का पर्व मनाया जाएगा।

शब-ए-बरात की रात को इबादत करने की परंपरा निभाई जाती है। इस दिन मस्जिदों में लोग नमाज पढ़ते हैं और अपने गुनाहों की माफी अल्लाह से मांगते हैं। इसके अलावा क्षमता अनुसार गरीब लोगों और जरूरतमंदों को विशेष चीजों का दान किया जाता है, जिससे व्यक्ति को अल्लाह की रहमत प्राप्त हो सके।

कैसे मनाया जाता है ये दिन?

इस दिन घर और मस्जिदों में खास सजावट की जाती है। शब-ए-बरात के दिन जगह-जगह पर धार्मिक जलसों का आयोजन किया जाता है, जिसमें अधिक संख्या में लोग शामिल होते हैं। इसके अलावा लोग कई तरह के पकवान बनाते हैं और सुंदर वस्त्र पहनते हैं। शब-ए-बरात के दिन लोग अपने पूर्वजों की कब्र पर जाते हैं और उनके लिए दुआ पढ़ते हैं।  

शब-ए-बारात के दिन क्या करें?

  • इस दिन लोगों में दान जरूर करना चाहिए।    
  • शब-ए-बारात की रात में अपने पूर्वजों की कब्र पर जाकर उनके लिए विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं। कब्र पर अगरबत्ती जलाते हैं और फूल चढ़ाते हैं।  
  • नमाज के दौरान जीवन में किए गए गुनाहों की माफी मांगते हैं।
  • इस दिन रोजा रखने की परंपरा है।  
  • इसके अलावा इबादत के दौरान जीवन में कभी भी किसी गलत काम को न करने का वादा करते हैं। 
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