BPSC छात्रों की मांगों को सुना जाए, मुलाकात के बाद बोले चिराग पासवान
बिहार में BPSC अभ्यर्थियों का मुद्दा अभी खत्म नहीं हुआ है। बीपीएससी के छात्र अभी भी इस मांग पर अड़े हुए हैं कि बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द किया जाए। हालांकि, इस परीक्षा में पटना के जिस सेंटर पर गड़बड़ी की शिकायत सामने आई थी उस परीक्षा केंद्र की परीक्षा को रद्द कर उसे दोबारा लिया भी जा चुका है। लेकिन छात्रों की मांग है कि पूरी परीक्षा को ही रद्द किया जाए। बहरहाल अब इस मामले में अभ्यर्थियों ने केंद्रीय मंत्री और एलजेपी (आर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान से मुलाकात की है।
बीपीएससी अभ्यर्थियों से मुलाकात को लेकर चिराग पासवान ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘नया कुछ ऐसा नहीं है। उनके सारे विषय हम लोगों के संज्ञान में हैं हीं। मैं भी गठबंधन के अंदर लगातार प्रयास कर रहा हूं कि उनकी मांगों को सुना जाए और समझा जाए। कम से कम सरकार एक वार्तालाप उनक साथ शुरू करे, इसके प्रयास लगातार जारी हैं। गठबंधन के अंदर बातचीत के दौरान यह बातें मैंने की हैं। बिहार सरकार से मैंने आग्रह जरुर किया है कि छात्रों की बातों को सुना जाए लेकिन अभी तक अधिकृत तौर पर ऐसा कुछ संवाद नहीं हुआ है। तो कल मैंने बच्चों से बातचीत की है ताकि उनकी हिम्मत ना टूटे।’
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेटी और सांसद मीसा भारती ने मकर संक्रांति के मौके पर कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए दरवाजे खुले हैं। हालांकि, राजद नेता तेजस्वी यादव कई बार कह चुक हैं कि नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद हो चुके हैं। इसपर प्रतिक्रिया देते हुए चिराग पासवान ने कहा, ‘पहले तो पूरा परिवार एक होकर एक स्वर में बातें करे। हमको नहीं समझ में आता है कि परिवार का एक सदस्य कुछ बोलता है, दूसरा सदस्य कुछ बोलता है। उनके भाई साहब कहते हैं कि उनके लिए कोई दरवाजा नहीं है। आवास पर कोई आना चाहे तो आ जाए दही-चूड़ा खा ले। तेजस्वी बोल रह हैं कि दरवाजे नहीं खुल हैं। ये कह रही हैं कि अंदर दरवाजे खुले हैं। हमको नहीं पता कि परिवार में इस विषय पर मतभेद क्यों है?’
बता दें कि बीपीएससी अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। पूर्णिया के निर्दलीय सांसद और कांग्रेस नेता पप्पू यादव भी छात्रों क समर्थन मेें हैं। इधऱ प्रशांत किशोर बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन पर हैं। तेजस्वी यादव भी छात्रों का समर्थन कर चुक हैं। हालांकि, जदयू का आरोप है कि छात्रों के आंदोलन की आड़ में राजनीतिक रोटी सेंकी जा रही है।