मुंबई में भी वायु प्रदूषण पर बढ़ने लगी टेंशन, HC ने किन चीजों को हटाने का दिया सुझाव

बॉम्बे हाई कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर अहम टिप्पणी की है। अदालत ने इस बात पर हैरानी जताई कि क्या शहर में वायु प्रदूषण का कोई हल निकलेगा या फिर हर वर्ष दिवाली के बाद नागरिकों को धुएं का सामना करना पड़ेगा। एचसी ने यह भी सुझाव दिया कि बेकरियों को लकड़ी व कोयले के इस्तेमाल पर रोक लगानी चाहिए। इसने कहा कि सीएनजी व इलेक्ट्रिक कारों के इस्तेमाल पर जोर दिया जाना चाहिए। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि सभी अधिकारी मुंबई के बिगड़ते वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के पीछे की समस्याओं और कारणों से मोटे तौर पर अवगत हैं, लेकिन समाधान व उठाए जाने वाले कदम को तुरंत अमल में लाए जाने की जरूरत है।

पीठ ने 2023 में शहर और राज्य में खराब वायु गुणवत्ता पर स्वतः संज्ञान लिया था। अदालत ने गुरुवार को कहा, ‘हर वर्ष दिवाली के बाद स्थिति एक जैसी होती है। ऐसी स्थितियों में समाधान क्या है? यह सब हर वर्ष दिवाली के बाद शुरू होता है। मोटे तौर पर हम समस्याओं और कारणों को जानते हैं, तो अब समाधान क्या है? क्या हम हर वर्ष पूरे मुंबई में यह धुआं देखते रहेंगे? कुछ दिन तो दृश्यता बहुत कम होती है।’ पीठ ने कहा कि 2023 में अदालत ने दिवाली के त्यौहार पर प्रतिदिन केवल कुछ घंटों के लिए पटाखे फोड़ने की अनुमति दी थी, लेकिन निर्देश का बिल्कुल भी पालन नहीं किया गया।

‘आदेश के बावजूद रात 1 बजे तक फोड़ते रहे पटाखे’

अदालत ने कहा, ‘हमने देखा कि हमारे आदेशों के बावजूद लोग देर रात एक बजे तक पटाखे फोड़ते रहे। कार्यान्वयन एजेंसियों ने हमारे आदेशों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया।’ एचसी ने कहा कि यह देखकर दुख हुआ कि अधिकारियों की ओर से कोई सक्रिय कदम नहीं उठाया गया। पीठ ने कहा, ‘जब अदालत आदेश पारित करती है तभी कुछ किया जाता है। हर कोई प्रभावित होता है। अधिकारियों को स्पष्ट रूप से अधिक कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। प्रदूषण का स्तर कब कम होगा? जब तक कुछ कठोर कदम नहीं उठाए जाते, तब तक स्थिति नियंत्रण में नहीं आएगी।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker